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RE: हमारा परम धर्म : दान ---- (भाग – ४)
@mehta
धन्यवाद् सर आप के द्वारा लिखे लेख से मुझे बहुत कुछ सिखने को मिला , दान के ऊपर आप के इन लेखो से ये समझ आ गया अगर हम इस काबिल है की हम किसी की सहायता कर सकते है तो हमको बिना किसी हिचकिटाहट के कर देनी चाहिए सब कुछ यही रह जायेगा हमारे साथ कुछ नहीं जायेगा।
''तिन समान कोई और नहि, जो देते सुख दान
सबसे करते प्रेम सदा, औरन देते मान।'- @kabirdas