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RE: सुख : स्वरूप और चिन्तन (भाग # १) | Happiness : Nature and Thought (Part # 1)

in #life6 years ago

हालात के मारे लोगों की सेवा करके जो सुख मिलता है। उसका दुजा कोई सुख मुकाबला नहीं कर सकता।

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