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RE: प्रेम का महत्त्व (भाग #२) | Importance of Love (Part #2)
बात तो आपने सही कही जी शायद आपको ज्यादा मालूम होगा क्यूंकि आप बड़े हो परन्तु सच यही है ,प्यार किसी किसी के नसीब में होता है , क्यूंकि हर कोई प्यार करे यह संभव ही नहीं , अगर कोई आपसे बात भी करता है तो भी मतलब के , बिना मतलब के कुछ नहीं है इस दुनिआ में
आप बात कर रहे है कि क्या हो रहा है, और मैं बात कर रहा हूँ कि क्या सही है और क्या होना चाहिए, बस यही फर्क है. इसी फर्क को समझे तो दोनों बातें ही सही है.
जो होना चाहिए प्रेम का मतलब वही है. कौन कैसे समझ रहा है ये वो जाने. गलत करने से, चीज गलत नहीं हो जाती वो तो वही रहती है. किसी के कुछ करने पर कोई रोक थोड़ी है. परन्तु हम सही और गलत तो समझ सकते ही है.
और एक बात बड़े और छोटे होने से बात सही या गलत नहीं होती है. बात तो वही रहती है चाहे कोई माने या न माने.