Plant Charisma

in #india6 years ago

Logopit_1535348852799.jpgक्राफ्ट विषय में उसने बागवानी लिया था। सबसे अच्छा उसे यही लगा था। बाकी दर्जीगिरी और कताई-बुनाई भी ऐच्छिक विषयों में थे, परंतु दर्जीगिरी के विषय में तो सोचकर ही वह सिहर उठ‌ता था। पहले कपड़े का नाप लो, फिर जो आइटम बनाना है उसके हिसाब से कपड़े की कटाई करो, फिर सिलाई। थोड़ा भी इधर-उधर हुआ कि कपड़े का सत्यनाश हुआ। फिर कौन मशीन में धागा डालता फिरे, पागलों का काम, उससे तो कताई-बुनाई अच्छी है। पोनी ले लो तकली में फंसा दो और घुमा दो। इधर तकली ने फेरे लिए उधर कच्चा सूत तैयार। किंतु इसमें भी परेशानी, तकली के ऊपरी पांइट पर पोनी फंसना बहुत कठिन काम है। अनाड़ी रहे तो सूत बार-बार टूटे। खैर अब तो गांधीजी भी नहीं है काहे का सूत काहे की खादी। रामप्रसाद‌ को बागवानी सबसे अच्छी लगी थी। क्यारी में पौधे ही तो लगाना है। गड्ढा़ खोदा और पौधा रोप दिया और फुरसत। थोड़ा-बहुत पानी-वानी डाल दिया। फिर कौन देखता पौधा सूखा कि बचा। रामप्रसाद को पेड़-पौधों से कभी लगाव नहीं रहा। घर के आंगन में लगे पेड़ उसे बैरियों के समान लगते थे। इच्छा होती कि कुल्हाड़ी उठाकर दे दनादन, सब काट डाले। परंतु मां के कारण यह संभव ही नहीं था। ज‌ब इस संबंध में बात करता, मां की त्योरियां चढ़ जातीं। 'ये तेरे बाप-दादों ने लगाए हैं, तू इन्हें कैसे काट स‌कता है, बुजुर्गों का सम्मान तो करना सीख।' रोज सुबह से ही आंगन में सूखे पत्तों के ढेर देखकर वह बिलबिला उठता पर मां............... पेड़ों के कारण घर में अंधेरा भी तो होता है, वह मां को मनाने कि कोशिश करता परंतु व‌ही ढाक के तीन पात। बाप‌-दादा मां के लिए किसी ईश्वर से कम नहीं हैं। परीक्षा के दिन आ गए। क्राफ्ट विषय तो प्रायोगिक‌ ही है। प्रयोग की अवधि में ही परीक्षक दो चार प्रश्न पूंछ लेता है। चूंकि उसने बागवानी चुना था, उसे शाला के बगीचे में दस पौधे लगाने का काम दिया गया था। एक लम्बी-सी क्यारी में एक के बाद एक, कतार में‍ पौधे लगाना थे। चार घंटे का समय दिया ग‌या था। गड्ढा़ खोदकर वैज्ञानिक पद्धति से भुरभुरी मिट्टी तैयार‌ करना थी, पौधे लगाना थे और फिर परीक्षक द्वारा उपलब्ध फेंसिंग (ट्री गार्ड) से पौधों को घेर दॆना था। फिर‌ मौखिक प्रश्नों के जबाब इतना-सा ही तो काम था। रामप्रसाद ने गेती और फावड़े की सहायता से दस गड्ढे़ खोद डाले। चाहता तो एक, एक गड्ढा़ खोदकर उनमें पौधे लगाता जाता किंतु उसे पहले दस गड्ढे़ खोदना सुविधाजनक लगा। अब पौधे लगाना है, फिर ट्री गार्ड़ यही सोचकर उसने पहले गड्ढे़ में एक पौधा रोप दिया। खाद मिली हुई मिट्टी से गड्ढा़ पूरा और फिर ट्री गार्ड लगा दिया। एक पौधा तो निपटा यह सोचकर वह आगे के गड्ढे़ के तरफ बढ़ा। दूसरे गड्ढे़ में भी उसनॆ वही प्रक्रिया अपनाई। वह गुनगुनाता हुआ आगे जाने को तैयार‌ हुआ कि उसकी दृष्टि पहले गड्ढे पर चली गई। 'अरे वहां का पौधा कहां गया, अभी तो लगाया था।' वह दौड़कर उस गड्ढे़ के पास पहुंच गया। पौधा गायब था। कहां गया पौधा, वह चारों ओर घूम गया। आसपास कोई नहीं था। दूसरे साथी दूर-दूर दूसरी क्यारियों में पौधे लगा रहे थे। कोई पशु-पक्षी भी आसपास नहीं था। फिर मजबूत ट्री गार्ड, पौधा कहां गया? वह आश्चर्यचकित था। ठीक है बाद में देखेंगे, यही सोचकर वह दूसरा पौधा लगाने चला गया। जैसे ही वह पौधा लगाकर तीसरे गड्ढे़ की ओर बढ़ा तो दूसरे गड्ढे़ का पौधा भी गायब हो गया। अरे-अरे यह क्या हो रहा है वह बौखला गया। वह जोर-जोर से चिल्लाने लगा 'अरे कौन है यहां, जो मेरे पौधे उखाड़ रहा है। कोई प्रेत है क्या, कोई भूत क्या? आखिर मेरे पौधे क्यों उखाड़ रहा है कोई? 'प्लीज मेरे पौधे वापिस जहां के तहां लगा दो, मेरी परीक्षा है, मैं फेल हो जाऊंगा, मुझ पर दया करो।' वह आसमान की तरफ दोनों हाथ उठाकर रोने लगा। उसने देखा कि बाकी आठ पौधे जो कि पॉलीथिन में रखे थे। वह भी गायब हो गए और आसमान में जाकर अट्टहास करने लगे। दोनों गड्ढ़ों से गायब हुए पौधे भी उनमें शामिल थे। दसों पौधे आसमान में एक गोल घेरा बनाकर घूम रहे थे। 'अब रोता क्यों है?' उनमें से एक पौधा मीठी आवाज में बोला। 'तुझे तो पौधों सॆ नफरत हैं न, तुम अपने आंगन में लगे सारे पेड़ काटना चाहते हो न, बाप-दादा के हाथ के लगाए पेड़ों से तुम्हें जरा-सा भी प्रेम नहीं है, तुमने अपने घर में कभी कोई पौधा नहीं लगाया, फिर‌ यहां पौधे क्यों लगा रहे हो?' 'मुझे परीक्षा में पास होना है, बागवानी मेरे कोर्स में है, आज मेरा प्रेक्टिकल टेस्ट है, मुझे पौधे लगाकर दिखाना है, परीक्षक आते ही होंगे, प्लीज नीचे आ जाओ, नहीं तो मैं फेल हो जाऊंगा। परीक्षक मुझे अनुत्तीर्ण कर देगा, मुझे क्षमा क‌र दो।' रामप्रसद रोये जा रहा था। 'ठीक है हम क्षमा कर देंगे किंतु तुम्हें एक वादा करना होगा।' पौधा बोला। 'हांहां मैं तैयार हूं, बोलो क्या करना हॊगा।' वह सिसकते हुए बोला। 'आज से पेड़-पौधों से नफरत नहीं करोगे, नए पौधे लगाओगे और पेड़ कभी नहीं काटोगे।' 'हां पेड़ कभी नहीं काटूंगा, नए पौधे लगाऊंगा, सेवा करूंगा, पानी दूंगा, खाद दूंगा। 'प्लीज अब तो.... उसने अपने दोनों कान पकड़ लिए। देखते ही देखते दसों पौधे अपनी पूर्व स्थिति में आ गए। दो पौधे अपने-अपने गड्ढ़ों में लग गए बाकी आठ यथास्थान रखा गए। रामप्रसाद दौड़-दौड़कर पौधे लगाने लगा। तभी उसने देखा कि परीक्षक महोदय चले आ रहे हैं। अब तो वह घबरा गया। उसका धैर्य जबाब देने लगा। तीन ही पौधे तो लग पाए थे। अब तो फेल होना ही है, यह सोचकर उसके हाथ-पैर फूल गए। वह जोर से रोने लगा। अचानक उसने देखा कि उसके पास रखे पौधे दौड़ लगाकर गड्ढ़ों की तरफ जाने लगे। अरे-अरे पौधे अपने आप ही गड्ढ़ों में जाकर रोपित हो गए, मिट्टी ने भी अपने आप उछल-उछल‌कर पौधों के घेरे भर दिए। इधर ट्री गार्डों ने भी दौड़ लगा दी और पौधों के ऊपर यथा स्थान खड़े हो गए। परीक्षक महोदय आ चुके थे। इतना साफ-सुथरा काम देखा तो वे बहुत खुश हुए। नन्हें हाथों का कमाल देखकर उसे शत-प्रतिशत अंक दे दिए। वह बगवानी में अपनी कक्षा में प्रथम घोषित हो गया था। अब राम प्रसाद वृक्षों से बहुत प्यार करता है, पौधे रोपता है, खाद-पानी देता है और उनकी सुरक्षा करता है। पौधे और पेड़ ही उसका संसार है।

Sort:  

Sneaky-Ninja-Throwing-Coin 125px.jpg
Defended (18.18%)
Summoned by @nisha2511
Sneaky Ninja supports @youarehope and @tarc with a percentage of all bids.
Everything You Need To Know About Sneaky Ninja


woosh

You got a 13.63% upvote from @booster courtesy of @nisha2511!

NEW FEATURE:

You can earn a passive income from our service by delegating your stake in SteemPower to @booster. We'll be sharing 100% Liquid tokens automatically between all our delegators every time a wallet has accumulated 1K STEEM or SBD.
Quick Delegation: 1000| 2500 | 5000 | 10000 | 20000 | 50000

You got a 4.21% upvote from @upmewhale courtesy of @nisha2511!

Earn 100% earning payout by delegating SP to @upmewhale. Visit http://www.upmewhale.com for details!

Coin Marketplace

STEEM 0.21
TRX 0.20
JST 0.034
BTC 99341.76
ETH 3285.44
USDT 1.00
SBD 3.05