Journey diary|| Family tour
हा तो दोस्तो मैं कुछ दिनों से सोच रहा था की आप लोगो को कुछ बताऊं ।।
वो ये बात है की जब मैं बागेश्वर धाम गया था तब हम लोग वहा से बाला जी का दर्शन कर के लौट रहे थे , हमारी ट्रेन महोबा स्टेशन से रात में 1:50बजे थी तो हमारे पास पूरा टाइम था , फिर हमलोग सोचने लगे कि क्या किया जाए अपने पास टाइम बहुत ज्यादा है।।
टाइम कैसे बीते गा,तो मेरे छोटे भाई ने कहा कि चलो भाई #खजुराहो चलते है वहा अच्छे अच्छे मंदिर है वहा घूमते है फिर चलेंगे स्टेशन को मुझे भी सही लगा ये बात और हम लोग चल दिए ।।
वहा से खजुराहो जाते जाते हमलोग को 5:00 बज गए हमलोग ने पता किया की मंदिर कब तक खुला रहता है तो पता चला कि 6:00 बजे बंद हो जाता है ।।
तब जल्दी जल्दी हमने टिकट घर के तरफ गए लेकिन वह कोई नही था ।
वहा हमने पता किया तो पता चला कि एक #QR_coad के जरिए पेमेंट कर के मोबाइल में ही टिकट मिल जाता है ।।
ये सुविधा हमे बहुत अच्छी लगी हमने टिकट लिया और अंदर को चले गए
वहा जाने पे पता चला कि उसके अंदर करीब 12 मंदिर थे जो पथरो को काट के हाथो से बनाए गए थे ।
उसके कुछ दृश्य हम आपको दिखाते है ।।
काम से कम 3 मंदिर ही हम घूम पाए थे दोस्तो उसके बाद मौसम खराब होने थे वहा बहुत तेज बारिश होने लगी हम लोग भीग भी गए ।
कुछ देर रुकने के बाद भी बारिश रुकी नहीं तो हम वहा से निकल गए ।।
लेकिन वह की जो कलाकारी थी दोस्तो बहुत ही बेहतरीन थी एक भगवान की मूर्ति शिव लिंग इतने बारीकी से बनाए गए थे समझ ही भी आ रहा था की ये कब का है ।।
लेकिन आपको बता दे कि ये चंदेल वंश द्वारा 950 से 1050 CE के बीच बनाया गया था ।।
ये बहुत खूबसूरत मंदिर है ।।
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