एक चाल अब तू भी चल

in #ghazal7 years ago

सह चुकी है ज़ुल्म काफ़ी कर बवाल अब तू भी चल
बस बहुत है हो गया अब ले मशाल अब तू भी चल

जो भी आता है वो आता बस बग़ल में रंज लेकर
रंज की शतरंज पर अब एक चाल अब तू भी चल

हर नज़र में भूख है और हर नज़र में हैं सवाल
हर नज़र की हर नज़र पे कर सवाल अब तू भी चल

जंग है ये जिसमे संजय भी पड़े मूंदे नयन
खुद किशन के गीत सुन तू कर निहाल अब तू भी चल

थक गयी है फ़ौज़ सारी और महल ख़ामोश है
बस तिरि उम्मीद तू हीं लेके ढाल अब तू भी चल

जब भी तू आगे बढ़ी है तान कर तूफ़ान को
कोई तुझको छू भी ले? क्या मज़ाल अब तू भी चल

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