Do so precious water
जर्रे-जर्रे को पैदा करने वाले की बेशुमार नेमतों में से, एक नेमत ऐसी है, जिसके बगैर हर किसी का जीना मुश्किल ही नहीं, बल्कि नामुमकिन है. वह बड़ी नेमत पानी है.
पानी के बगैर इंसान नहीं रह पाता, जिसकी पल-पल जरूरत रहती है वह पानी है. सुबह से लेकर रात तक हर कोई पानी का इस्तेमाल करता रहता है. नींद में से जाग कर भी पानी की जरूरत होती है. सुबह उठते ही मुंह धोने के लिए, पीने के लिए, कुललिया करने के लिए, नहाने के लिए, खाना पकाने के लिए, और गंदगी साफ करने के लिए, और अगर कहीं आग भी लगी हो तो उस आग को बुझाने के लिए, मसलन कोई चीज ऐसी नहीं जिसमें पानी का इस्तेमाल ना होता हो...
यहां तक कि पानी का जिक्र बड़े-बड़े कवियों ने अपनी कविताओं में भी किया है. पानी इंसान की पहली और आखरी जरूरत है. बिना पानी के कोई भी जीव जीवित नहीं रह पाता, यह भली-भांति जानते हुए भी इंसान, बड़ी लापरवाही बरत रहा है. जरूरत से ज्यादा पानी का ही इस्तेमाल किया जाता है. नल खुले छोड़ दिए जाते हैं. और पानी नाहक बहता रहता है.
पानी इस कदर हमारे लिए अहम है, जिस के बारे में अगर गौर -ओ -फिक्र करें तो हमें एहसास हो सकता है, इस पानी को पैदा करने वाले का शुक्रिया किस कदर करें. आज जिसे वक्त पर पानी मिल जाता है, उसे पानी की अहमियत का अंदाजा नहीं है, मगर ऐसी कई जगह है, जहां पानी के एक-एक कतरे के लिए लोग तरसते हैं...जहां पानी पहुंचने की शक्यता नहीं होती वहां लोग कुंवे बनवाते हैं कुछ नादान लोग इस कुएं के अंदर कचरा शराब की बोतलें वगैरा डालते रहते हैं फिर इस तरह अमृत सामान पानी को जहर बना देते हैं...
मगर ऐसे लोग यह नहीं जानते, के कुदरत की ताकत क्या है? जो कुदरत हमें पानी पिलाकर जिला रही है, वह हमें बिना पानी के भी मार सकती है,
और पानी में डुबोकर भी मार सकती है,
लिहाजा हमें चाहिए कि पानी का संग्रह करें और जरूरत से ज्यादा फिजूल पानी ना बहाएं क्योंकि हमारा नारा है "पानी बचाओ, बिजली बचाओ".