१० वि में पढ़ने वाला बच्चा चढ़ गया एवेरेस्ट !!!!((Mountainguru)
नमस्कार दोस्तों,
आज में एक ऐसे पर्वतरोहक के बारे में आप को बताउगा जो १६ साल की उम्र में एवेरेस्ट आरोहण किया था.जीवन में कुछ कर दिखाने,लकीर से हटकर कुछ करने का हौसला रखने का हौसला रखनेवाले जाबाज़ युवा की प्रेरणादायी कहानी, जो किसी भी साहसिक व रोमांचक कार्य को करने के लिए प्रेरित करेगी ......
( कुछ शब्द किताब के )
में ने एक -एक सेकंड जो वहाँ पर गुजारा मुझे अच्छी तरह याद है. अंततोगत्वा में दुनिया के सबसे ऊंचे शिखर पर था.वहाँ पर बुद्ध भगवान की मूर्ति रखी हुई थी.में ने झुक कर उसे प्रणाम किया.जे से ही मेने अपना सर उठाया अपने जीवन का सबसे अद्भुत सूर्योदय देखा. यहाँ से सूर्य भी हम से निचे दिख रहा था.और जैसे जैसे वह ऊपर उठा,हरेक पहाड़ी की छोटी,जो बर्फ से ढकी हुई थी.वह सोने की तरह चमक ने लगी.मिलो तक हमारी दृश्टि के लिए कोई बाधा नहीं थी.में पृथ्वी की वक्राकार सतह को देख सकता था .
हमने ८,८४८ मीटर की उचाई से थोड़ी देर पृथ्वी का नजारा देखा,क्योकि अतिशय शीत के कारण हम वहाँ ज्यादा देर तक ठहर नहीं सकते थे.हम वहासे तिब्बत की अन्य हिमालयी चोटियाँ देख सक ते थे.जैसे चोयु ,मकालू और कंचनजंघा.यह एक आश्चर्यचकित कर ने वाला 360 ड़िग्री का दृश्य था.
मुझे शिखर पर अपने देश भारत का राष्ट्रीय ध्वज लगते हुए बहुत गर्व अमुभव हुआ. मेरा ऑक्ससीजन मास्क अभी लगा हुवा था, अन्तएव मन ही मन मैंने अपना राष्ट्र गान गाया.
-एवेरेस्ट पर तिरंगा (अर्जुन वाजपेयी)