भारत में अमेरिकी डेयरी उत्पाद की बिक्री के क्या है मायने?steemCreated with Sketch.

in #steempress4 years ago (edited)


डेयरी उत्पाद के मामले में भारत लगभग आत्म निर्भर है और विश्व का सबसे बड़ा दूध उत्पादक देश भी है। लेकिन हाल ही में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की भारत यात्रा से पहले भारत अपना बाजार कुछ शर्तों के साथ अमेरिकी डेयरी उत्पादों के लिए खोलने के लिए सहमत होता दिख रहा है।

सवाल यह है कि किस वजह से अभी तक भारत में अमेरिकी डेयरी उत्पादों के आयत की अनुमति नहीं थी? क्या वह कारण अब दूर हो गए हैं ?

अमेरिकी डेयरी उत्पाद और भारत की शंका

पिछले कई वर्षों से अमेरिका यह प्रयत्न करता आ रहा है कि भारत अपना बाजार उसके डेयरी उत्पादों के लिए खोल दे ताकि भारत के विशाल बाज़ार में वह अपने उत्पाद बेच सके। लेकिन अमेरिका के डेयरी उत्पादों में आखिर ऐसा क्या है जिसके कारण भारत ने अभी तक अनुमति दी?

भारत का कहना है कि भारतीय संस्कृति में गाय का बहुत महत्व है साथ ही देश में एक बहुत बड़ा शाकाहारी वर्ग है जो यह कभी स्वीकार नहीं कर सकता कि वह ऐसे दूध उत्पादों का प्रयोग करे जो उन गायों से आता है जिन्हे खाने में माँसाहारी भोजन दिया जाता है।

कैसा होता है अमेरिका में डेयरी गायों का भोजन ?

भारत के विपरीत अमेरिका में डेयरी व्यवसाय बहुत ही संगठित और शुद्ध व्यावसायिक है। अर्थात वहां डेयरी गायों से किसी भी कीमत पर अधिकाधिक उत्पादन करने का प्रयत्न किया जाता है और इसके लिए गाय जैसे शाकाहारी पशु के खाने में भी धोखे से माँसाहारी पदार्थ मिलाया जाता है।

डेयरी गायों को दिए जाने वाले इस प्रकार के खाने को "ब्लड मील " कहा जाता है और यह अक्सर बूचड़खाने से निकले अपशिष्ट पदार्थों से बनाया जाता है।

ब्लड मील (Blood Meal) क्या होता है?

अमेरिका से डेयरी उत्पादों के आयात की शर्तें

भारत के लोगों की सांस्कृतिक और धार्मिक भावनाओं को ध्यान में रखते हुए सरकार का यह कहना है कि दूध उत्पादों के आयत की कुछ शर्तों के साथ ही अनुमति दी जायेगी। जो भी उत्पाद आयात होगा वह प्रमाणित होना चाहिए कि वह ऐसी गायों से उत्पादित होना चाहिए जिन्हे ब्लड मील नहीं खिलाया गया हो।

यहाँ यह प्रश्न उठता है कि क्या इस तरह का प्रमाण पत्र हमारी संस्कृति और धार्मिक भावनाओं को संतुष्ट करने के लिए पर्याप्त होगा?

क्या इस निर्णय से डेयरी उद्योग की क्रूरता बेनकाब होगी?

भारत में जहाँ गायों को माँ कहा जाता है, अभी तक शाकाहारी वर्ग में यही ग़लतफ़हमी है कि दूध एक अहिंसक उत्पाद है। लेकिन जब यह जाहिर हो गया है कि अधिकांश देशों में गायों को सिर्फ एक दूध पैदा करने की मशीन समझा जाता है और अधिकाधिक उत्पादन के लिए किसी भी हद तक गिर सकते हैं तो क्या भारत, जो दुनिया का सर्वाधिक दूध उत्पादक देश है वहां बिना किसी क्रूरता के दूध का उत्पादन संभव है?

हमारे देश में भी ब्लड मील का उत्पादन होता है और चोरी छिपे अगर यह डेयरी उद्योग में प्रयोग में लाया जाता सकता है, इस बात को नाकारा नहीं जा सकता है।

भारत का एक बड़ा शाकाहारी वर्ग अभी तक यह मानने को कतई तैयार नहीं है कि दूध में किसी भी तरह की हिंसा होती है लेकिन जब डेयरी उद्योग के बारे में इस तरह के सच उजागर होते हैं तो कब तक डेयरी उद्योग में होने वाली हिंसा से अज्ञान बने रहना संभव है?

India offers US dairy, chicken access in a bid for a trade deal with Trump



Posted from my blog with SteemPress : https://ditchdairy.in/dairy/what-does-the-sale-of-american-dairy-products-in-india-mean/
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