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in #steemit6 years ago

भारतीय रेल की बिगड़ती अवस्था और परेशान यात्रा
तनवीर कटिहारी
वर्ग : B.A.I

यात्रा सभी मनुष्य के जीवन का एक महत्वपूर्ण भाग है, और इसमें समस्याएं भी बहुत है | एक यात्री जब यात्रा पर निकलता है तो उसे अधिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है | किंतु वर्तमान काल में इन समस्याओं का समाधान तकनीक के आ जाने से निकल गया है | और यात्रियों को अच्छी एवं पूर्ण रुप से सुविधाएं मिलने लगी है , और भारत में भी ये सुविधाएं उपलब्ध हो गई है | परंतु वर्तमान में जिस पार्टी की सरकार सत्ता में है वह रेलवे सुविधाओं की उपलब्धता में आलसी एवं काफी निश्चिंत नजर आ रहे हैं | जिसके कारण यात्रियों की कठिनाइयों में बढ़ोतरी हो गई है |
आश्चर्य तो यह है कि रेल मंत्री साहब कह रहे हैं कि देश के 700 स्टेशनों पर वाईफाई की सुविधा दे दी गई है , और 1 महीने में इससे 80 लाख लोग लाभ उठाएंगे मगर मुरादाबाद स्टेशन में 6 महीने से वाईफाई ठप पड़ा हुआ है | रेल मंत्री यात्रियों को अच्छी सुविधा देने की दावा तो कर रहे हैं , परंतु ट्रेनों की देरी के कारण पूछे जाने पर मजबूती से उत्तर देते हैं कि “ सुरक्षा पहले नंबर पर और समय दूसरे नंबर पर” तो सुरक्षा का एक और दृष्टिकोण से रेल मंत्रालय एवं रेल मंत्री के ट्विटर पर शिकायतों की भरमार पड़ी है | गर्मी के दिनों में ऐसी की शिकायतें आम होती जा रही है | 27 जून के प्रभात खबर के अनुसार “ के पवन एक्सप्रेस” का ऐसी फेल होने पर यात्रियों ने हंगामा किया , यह ट्रेन लोकमान्य तिलक टर्मिनल से दरभंगा जा रही थी , हालत इतनी खराब हो गई थी यात्रियों ने चेन पुलिंग कर दी , और यात्रियों को ऐसी से उतार कर स्लीपर मैं बैठा दिया गया | 26 जून को “ कोटा पटना एक्सप्रेस” में 2 कोच के एेसी फेल हो जाने से यात्री नाराज हो गए और लगातार तीसरे दिन सोमवार को चारबाग स्टेशन पर दो घंटा हंगामा किया , रेल कर्मियों की पिटाई की और उनके अवज़ार छीन लिया | इसी तरह 25 जून को “दिल्ली अमृतसर शताब्दी एक्सप्रेस” के बिजनेस क्लास का ऐसी फेल हो गया , अंबाला में यात्रियों ने ट्रेन रोक कर हंगामा किया | इस जैसे सैकड़ों उदाहरण है , जिनको विस्तार से बताना यह कठिन है |
अब हम रेलवे अवस्था को समय के दृष्टिकोण से परीक्षण करते हैं | 23 जून को “मुंबई सीएसएमटी गोरखपुर जनसाधारण एक्सप्रेस” 47 घंटे 54 मिनट देरी से गोरखपुर पहुंची | 24 जून को “ चंपारण हमसफर एक्सप्रेस” 21 घंटे 9 मिनट की देरी से कटिहार पहुंची | 25 जून को “ जम्मू तवी गुवाहाटी एक्सप्रेस” 21 घंटे 23 मिनट की देरी से गुवाहाटी पहुंची | इसी तरह 23 जून को “काशी विश्वनाथ एक्सप्रेस” 17 घंटे 55 मिनट देरी से पहुंची |
अब रेलवे मंत्री स्वयं विचार करें कि रेल यात्रियों को उन्होंने किस तरह की सुविधा प्रदान की है | अगर अधिक संख्या में ट्रेनें इतनी देरी से चलेगी तो यात्रियों की क्या दशा होती होगी | किसी की परीक्षा छूट रही होगी तो किसी के व्यापार में समस्याएं जन्म लेती होंगी ,तो किसी की योजनाएं बिगड़ती होंगी | अब बताएं कि इन परिस्थितियों में इस देश की जनता कैसे विकास की ओर बढ़ेगी और कैसे यह देश विकसित बनेगा |

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