हैप्पी बर्थडे माही: सचिन-विराट की तरह हेलमेट पर तिरंगा क्यों नहीं लगाते MSD

in #sports6 years ago (edited)

भारत के सबसे चहेते क्रिकेटरों में से एक महेंद्र सिंह धौनी अपाना 37वां जन्मदिन मना रहे हैं। भारत के सबसे सफलतम कप्तानों में शुमार एमएस धौनी का जन्म 7 जुलाई, 1981 को झारखंड की राजधानी रांची में हुआ था। 90 के दशक के बाद भारतीय क्रिकेट में प्रसिद्धि के मामले में अगर सचिन तेंदुलकर को किसी खिलाड़ी से चुनौती मिली है, तो निसंदेह ही वह महेंद्र सिंह धौनी हैं। आप धौनी के फैन हों या ना ​हों, लेकिन इस खिलाड़ी का कद इतना बड़ा है कि इसकी कहानी हर किसी को पता है। महेंद्र सिंह धौनी झारखंड जैसे छोटे से राज्य से निकलकर क्रिकेट की दुनिया के इतने बड़े नाम बने, ज​हां क्रिकेट खेलने के लिए कोई इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं था। बैटिंग, विकेटकीपिंग और कप्तानी करने का अंदाज बिल्कुल देसी अंदाज, कॉपीबुक स्टाइल से कोई वास्ता नहीं। सबसे अलग तरह के क्रिकेटर हैं महेंद्र सिंह धौनी।

महेंद्र सिंह धौनी अपनी बैटिंग के दम पर भारत को ना जाने कितने मैचों में हार से निकालकर जीत दिलाई है। महेंद्र सिंह धौनी को विकेटकीपिंग करते हुए सिर्फ गेंदबाजों से ही अच्छी गेंद की उम्मीद नहीं रहती। बल्कि वह अपनी बिजली सी फुर्ती और कई अनोखे प्रयोगों से बल्लेबाजों को चौंकाते रहते हैं। उन्होंने कई मौकों पर अपनी विकेटकीपिंग के दम पर विपक्षी टीम की लुटिया डुबोई है। नेतृत्व की ऐसी क्षमता कि आज जब वह आधिकारिक तौर पर भारत के कप्तान नहीं हैं, फिर भी मैदान पर मौजूदा कप्तान विराट कोहली के निर्णयों में उनकी भूमिका अहम रहती है। चाहें परिस्थितियां कितनी भी कठिन हों, महेंद्र सिंह धौनी को मैदान पर किसी ने अपना आपा खोते हुए नहीं देखा होगा। इसी वजह से क्रिकेट की दुनिया में उन्हें 'कैप्टन कूल' की उपाधी मिली है और उनके शांतप्रिय मिजाज के लिए ही उन्हें इतना पसंद किया जाता है।

लेकिन, एक ऐसी बात है जिसे लेकर महेंद्र सिंह धौनी के प्रसंशकों के मन में सवाल जरूर उठते होंगे। वह सवाल यह है​ कि आखिर वह भी सचिन और विराट की तरह अपने हेलमेट पर भारत का राष्ट्रीय ध्वज 'तिरंगा' लगाकर क्यों नहीं खेलते? जब आप इसके पीछे के कारण को जानेंगे तो महेंद्र सिंह धौनी के लिए आपके मन में सम्मान दोगुना हो जाएगा। एक विकेटकीपर के लिए विकेट्स के पीछे काम उससे कहीं बहुत ज्यादा कठिन होता है, जितना आसान दिखता है। सबसे ज्यादा चुनौतीपूर्ण होता है फास्ट और स्पिन गेंदबाजों के खिलाफ बार बार अपना पोजिशन बदलना। महेंद्र सिंह धौनी तेज गेंदबाजों के खिलाफ हेलमेट लगाकर और स्पिनर्स के खिलाफ कैप पहनकर विकेटकीपिंग करते हैं। ऐसे में वह बार-बार डग आउट से किसी को अपना हेलमेट और कैप लाने के लिए नहीं कह सकते। इस चक्कर में समय बर्बाद होता है और स्लो ओवररेट का डर भी रहता है।

इन सब चीजों को ध्यान में रखते हुए महेंद्र सिंह धौनी अपना हेलमेट और कैप दोनों विकेट के पीछे जमीन पर ही रखते हैं। हम सबको पता है कि राष्ट्रीय ध्वज 'तिरंगा' हर भारतीय के लिए सम्मान का कितना बड़ा प्रतीक है। 'राष्ट्रीय ध्वज संहिता' के मुताबि 'तिरंगे' को जमीन पर नहीं रखा जा सकता। ऐसे में या तो आप हेलमेट को जीमन पर नहीं रख सकते या उस पर तिरंगा ही नहीं लगाएं। महेंद्र सिंह धौनी के लिए तार्किक रूप से यह संभव नहीं था कि वह हेलमेट को जमीन पर ना रखें और वह तिरंगे का अपमान भी नहीं कर सकते हैं। इसलिए उन्होंने राष्ट्रीय ध्वज को हेलमेट पर नहीं लगाने का निर्णय लिया। वैसे भी देश और उसके प्रीतक चिन्हों के लिए सम्मान दिल में होना चाहिए। महेंद्र सिंह धौनी ने अपने देश प्रेम का परिचय भारत की 'प्रादेशिक सेना' में शामिल होकर दे दिया है। उन्होंने रिटायरमेंट के बाद अपने प्लान में सबसे उपर देश सेवा को स्थान दिया है और बॉर्डर पर कुछ दिन ड्यूटी देना चाहते हैं।

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Oh today is MS Dhoni's birthday

hey really awesome post of cricket.Want to meet you on discord. I am there with same name

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