kavi daad

in #real7 years ago

कवि दादनी कविता ।

शिखरो ज्यां सरकरो त्यां किर्ती स्तंभ खोडी शको,
पण गामने पाधर एक पाळीयो तमे एमनां खोडी शको।

डरावी धमकावी इन्साननां बे हाथ जोडावी शको,
पण ओल्या केहरीनां पंजाने तमे एम ना जोडी शको।

तार विणानां के संतुरनां तमे एम छेडी शको,
पण ओल्या मयूरनां टहूकाने तमे एम ना छेडी शको.

कहे दाद आभमांथी खरे एने छीपमां जीली शको,
पण ओल्यु आंखमांथी खरे एने एम ना जीली शको

" कवि दाद "

Coin Marketplace

STEEM 0.19
TRX 0.13
JST 0.028
BTC 66512.58
ETH 3313.98
USDT 1.00
SBD 2.68