Ghazal
प्यार पलकों पर बुहारा कीजिए।
कुछ नज़र भर के ईशारा कीजिए।
बचपनें का प्यार तो ना प्यार था,
प्यार अब फिर से दुबारा कीजिए।
ये हुआ था वो हुआ था छोड़कर,
बात को फिर से करारा कीजिए।
आप का दिल तो पनाहों में मेरी,
आप इसको फिर हमारा कीजिए।
हो चुकी अब तो खुशामद की हदें
कर मुहब्बत बस खसारा कीजिए।
इक अर्ज सुन लो हमारी मान कर,
यूँ नहीं दिल को दुखारा कीजिए।
आपका ही दिल हमारा है सुनो,
आप ही इसको तुम्हारा कीजिए।
waah waah