बचपन की कहानियां....
एक बीज था गया बहुत ही गहराई में बोया
उसी बीज के अंतर में था नन्हा पौधा सोया
उस पौधे को मंद पवन ने आकर पास जगाया
नन्ही-नन्ही बूंदों ने फिर उस पर जल बरसाया।
सूरज बोला, प्यारे पौधे निद्रा दूर भगाओ
अलसाई आंखे खोलो, तुम उठकर बाहर आओ
आंख खोलकर नन्हे पौधे ने ली अंगड़ाई।
एक अनोखी नई रोशनी, उसके तन में आई
नींद छोड़कर ! आलस तजकर पौधा बाहर आया
बाहर का संसार बड़ा ही, अद्भुत उसने पाया।