BharatBandh against caste based injustice in India
प्रगतिवादी युग मेँ भाई अब ये सोच पुरानी है।
आरक्षण को ख़त्म करो अब
आरक्षण बेमानी है॥
जिनके लिए आरक्षण था कुछ,
उनका भला नहीँ यार हुआ;
सिर्फ़ मलाई काटने वाला,
वर्ग नया तैयार हुआ;
कुछ लोगोँ की बना बपौती,
इसकी यही कहानी है।
आरक्षण को...
काबलियत जिसमेँ होगी,
ख़ुद ही आगे बढ़ जाएगा;
बैसाख़ी के बल पर कोई,
पर्वत चढ़ नहीँ पाएगा;
युवा-शक्ति ने ठान लिया है,
जन-जन अलख जगानी है।
आरक्षण को...
आरक्षण के नाम पे नेता,
फ़सल वोट की काट रहे;
जनता को आदिवासी,
अगडे,पिछडोँ मेँ बाँट रहे;
जनता के हित की ख़ातिर अब,
इनको धूल चटानी है।
आरक्षण को...
जैसे शेर, बाघ, और बकरी,
एक समान नहीँ हो सकते;
इसी तरह इन्सान भी यारोँ ,
सब महान नहीँ हो सकते;
क़ुदरत की बस यही विविधता,
जीवन की भी निशानी है।
आरक्षण को...
राकेश'नादान'