"सफलता" भी फीकी लगती है, यदि कोई "बधाई देने वाला" नहीं हो।
और "विफलता" भी सुन्दर लगती है, जब आपके साथ "कोई अपना खड़ा" हो।
*ना दूर रहने से रिश्ते टूट जाते हैं*
*और*
ना पास रहने से जुड़ जाते हैं
यह तो एहसास के पक्के धागे है
जो
याद करने से
*और मज़बूत हो जाते