खुद पर विश्वास रखें।
हम में से प्रत्येक को अपना जीवन प्यारा होता है फिर भी क्रोध आवेश निराशा में दुख के कारण मौत का विचार हमारे मन में कभी न कभी झलक ही जाता है । किंतु दूसरे ही पल इस विचार को झटककर दूर फेंक देते हैं । कुछ लोग ऐसे भी हैं जो इस विचार के साथ थोड़ी देर तक खेलते रहते हैं और कुछ ऐसे होते हैं जो इस विचार के दबाव में आकर आत्मघात कर लेते हैं ।
मानसिक रुप से कमजोर व्यक्ति अपने आप को असफल अक्षम मान लेते हैं और निराशा का विफलता का क्रोध स्वयं पर ही उतारते हैं । अधिकतर यही होता है कि ऐसे व्यक्ति के परिवार के सदस्य सहकर्मी दोस्त भी उसकी मानसिक स्थिति से अवगत नहीं होते ।
आज का युग प्रतियोगिता का है इससे हर कोई स्वयं को असुरक्षित महसूस करता है उसके मन में पिछड़ने का डर बैठा जाता है इसे हमारा आत्मविश्वास ही कहीं खो जाता है दूसरों को कष्ट ना हो इसलिए हम अपना क्रोध प्रकट नहीं करते इसी क्रोध का परिणाम आत्मघात होता है ।
इस सब से बचने के लिए हमें अपना शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य संतुलित रखने की कोशिश करनी चाहिए । अपने आप पर भरोसे में वृद्धि करें जीवन की छोटी-छोटी बातों का पूरे मन से आनंद उठाएं अपने परिवार के प्रेम के धागे को मजबूत करें, अपने शरीर की मर्यादा को पहचाने ।
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