दूध का सफ़ेद - काला सच : आँखे मुंदने से नहीं, सच पर अमल करने से होगा समाधानsteemCreated with Sketch.

in #milk7 years ago (edited)

दूध का प्रतिउत्पाद - आँखे मुंदने से नहीं, सच पर अमल करने से होगा समाधान
आज के समाचार पत्र में प्रकाशित खबर पढने से लग रहा होगा, कैसे-कैसे लोग है जो बछड़ो को मारने के लिए भेज रहे है और ये बचानेवाले कितने अच्छे है।
गहराई में जाने पर जाने पर पता चलेगा की हकीकत कुछ ओर है। असल में हम सभी में से अधिकतर लोगों का इसमें योगदान है। कैसे?

  1. दूध स्तनधारी प्राणियों को ही आता है। ये कोई स्वाभाविक रूप से ऐसे ही नहीं मिल जाता है। इसके लिए उस स्तनधारी प्राणी को माँ बनाना पड़ेगा व उसके बाद उस बच्चे के लिए एक निश्चित अवधि तक माँ को दूध आता है। उसके बाद स्वतः ही दूध बंद हो जाता है। ये बात सभी स्तनधारी प्राणियों में लागु होती है गाय, भैस, बकरी, मनुष्य इत्यादि।
  2. जिस दूध की अब हम बात कर रहे है वो गाय, भैस के लिए कर रहे है, वो भी आज के समय में ।
  3. गाय से दूध के लिए, गाय को इंसान (कृत्रिम गर्भाधान से) 1½ से 2 साल की उम्र में ही माँ बना देता है। या ये कहे जबरन बलपूर्वक माँ बनता है जो की इसकी सही उम्र नहीं है। (लगता है सरकार ने इसकी कोई minimum उम्र तय नहीं की है, इंसानों की लिए तो है)
  4. इसके बाद जब बच्चे के लिए दूध होता है तो इंसान इसे चुराकर ले लेता है। इसके बच्चे को नहीं पीने देता है। और तो हद तब हो जाती है जब इंसान इस बच्चे को मरने के लिए भेज देता है। क्योकि यही आज के डेयरी उद्योग की वास्तविकता है या यू कहे बच्चे को पालना व्यावसायिक हित में नहीं है। क्योकि ये तो एक उद्योग (Business) है उद्योग तो मुनाफे के लिए किया जाता है।
  5. नर बच्चे को मरना ही है परन्तु आज ये स्तिथी है कि सभी मादा बच्चों की भी जरुरत नहीं है। क्योंकि लगभग हर साल दूध के लिए बच्चा करना होगा और इतनी मादाओ की आवश्यकता नहीं है।
  6. अभी हमारे देश में लगभग 10 करोड़ पशु है। यदि सभी बच्चों को रख ले तो 4 से 5 साल में इतने हो जायेगे की इनको खाना देना भी मुश्किल हो जायेगा। और तो और इंसानों के भोजन के लिए भी दिक्कत हो जाएगी।
  7. गाय से लगातार दूध लेने के लिए उसको लगभग हर साल (इंसानों के लिए दो बच्चों में अंतर रखो, पर गाय में नहीं) माँ बनाया जाता है ताकि दूध मिलता रहे। जेसे ही दूध देना बंद, गाय को भी उसके बच्चे की जगह भेज देते है। उस गाय की वास्तविक उम्र 20 से 25 साल है जिसको की 5 से 6 साल में मशीन की तरह से काम में लेकर ख़त्म कर देते है।
  8. यह सब मास या चमड़े के लिए नहीं दूध के लिए हो रहा है ये सब तो अपने आप प्राप्त तो रहे है। ये सब दूध उद्योग के प्रतिउत्पाद (By-product) है।
  9. यदि हम लोग दूध व ढूध के उत्पाद (दूध, घी, पनीर, मक्खन इत्यादि) इस्तेमाल करना बंद कर दे तो कोई भी गाय को मास या चमड़े के लिए पालन नहीं करेगा, क्योकि ऐसा करना व्यावसायिक हित में नहीं है। ये सभी तो दूध की खातिर पैदा हो रही है और फिर मार दी जा रही है।
  10. क्योकि आज के समय में गाय को इंसान अपने हिसाब से पैदा और मार रहा है। कुछ भी प्राक्रतिक नहीं है। गाय पर होने वाले बहुत से अत्याचारों के बारे में तो अभी यहाँ बताया ही नहीं है। इन सभी अत्याचारों की जड़ दूध ही है।
  11. आज के समय में कत्लखाने तो दूध उत्पादन में सहयोग दे रहे है, अन्यथा हम सभी हमेशा दूध और दूध के उत्पाद का उपयोग जिस तेजी के साथ कर रहे है इस्तेमाल नहीं कर सकते।
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