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RE: मानवता संरक्षण का अस्त्र : अहिंसा (भाग # ३ ) | The War of Humanitarian Conservation : Non-violence (Part # 3)
इस के लिए हमारी जिंदगी में संतोष होनI चाहिए जो की शायद आज के युग में सम्भव नहीं .हमारी इच्छा इतनी बढ़ती जाती है की हमे जो भी मिल जाए कम ही लगता है.
मेरे लिए कितना आवश्यक है ये किसी को पता ही नहीं है, जिनको ये पता उनकी जिंदगी में कुछ सकून है , पर ऐसे लोग बहुत कम है?