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RE: धर्म का प्राणतत्व : विनय (भाग # १) | The Life of Religion : Modesty (Part # 1)
विनम्रता से और प्रेम भाव से ही आप दूसरों का साथ पा सकते हो चलाकि और चापलूसी से आप बस लोगो का फायदा उठा सकते हो लेकिन बाद में जब लोगो को पता चलता है की आप ने उनका अपने मतलब के लिए प्रयोग किया है तो शायद वही लोग आप के साथ आये जिनको आप से कुछ फायदा मिलता है लेकिन बाद में वो भी आपका साथ छोड़ देते है.
लोगो के मन में अपने लिए जगह बनाए द्वेष नहीं.