कुदरत का कहर
प्रकृति के साथ छेड़छाड़, असंतुलित केमिकल युक्त खाद्य पदार्थों का असर अब इंसानों पर ही नही पशुओं पर भी दिखने लगा है। पश्चिम उत्तर प्रदेश के दैदनौर गांव में आज ब्याही भैंस ने एक बछड़े को जन्म दिया । परन्तु पशु स्वामी और ग्रामवासियों के आश्चर्य का ठिकाना न रहा जब उन्होंने देखा कि बछड़े के आगे के दोनों पैर ही नहीं हैं। इससे एक तरफ जहाँ पशु स्वामी के माथे पर चिंता की लकीरें आ गयी हैं, वहीं बछड़े के आगामी जीवन पर भी चर्चाओं का दौर गर्म है। विदेशों में और विकसित देशों में तकनीक विकसित कर ली गयी है। वहाँ जन्मजात अंगहीन कई पशुओं को कृत्रिम अंग लगाए जा चुके हैं और उन अंगों के सहारे पशु काफी हद तक आत्मनिर्भर हुए हैं और सामान्य जीवन जी रहे हैं लेकिन हिंदुस्तान में अभी पशुओं के लिए कृत्रिम अंगों को लगाने की चिकित्सीय प्रणाली विकसित नही हो पाई है, इसलिए हो सकता है कि ये बछड़ा अपनी आयु पूरी न भोग सके। सलाह और मदद का स्वागत है
I cant read Hindi but still I can feel the interest...
This post is in english also in my blog, u read it, thnks