मुरली, बंसी और जीत की खुशी

in #life6 years ago

दो सगे भाइयों की कथा, जिनकी सोच मां द्वारा सुनाई गई एक कहानी ने बदल दी।
Logopit_1541606800644.jpg

मुरली और बंसी सगे भाई थे, पर उनके बीच छत्तीस का आंकड़ा था। दिवाली से पहले मां ने कहा, घर की सफाई करना तुम दोनों की जिम्मेदारी है। जो ज्यादा अच्छे से सफाई करेगा, उसे खास उपहार मिलेगा। यह कहकर मां ने घर को दो भागों में बांट दिया। शुरू में दोनों ने काफी मेहनत की। उसके बाद बंसी को ख्याल आया, इनाम जीतने के दो ही तरीके हैं- या तो रगड़-रगड़ कर अपने हिस्से की सफाई करो या मुरली के हिस्से को गन्दा कर दो।

चूँकि सफाई करने में ज्यादा समय लगता, इसलिए वह मुरली के हिस्से में कचरा फैलाने लगा। मुरली को यह देख गुस्सा आया। मां ने दोनों को बुलाकर कहा, मैं तुम्हे एक कहानी सुनाती हूं। एक प्रतियोगिता में निःशक्तजनो की दौड़ हो रही थी। तभी एक प्रतिभागी का पैर कहिं फसां और वह गिर पड़ा। उसको चोट आई और वह दर्द से कराहने लगा। आगे निकल चुके प्रतियोगी उसकी आवाज सुनकर रुक गए।

उसमे से एक लड़की, जिसका एक पैर एक हादसे में कट गया था, वापस मुड़ी और उस प्रतियोगी के पास जाकर अपने हाथ आगे बढ़ाकर बोल, चलो, हम साथ दौड़ते हैं। उस देख बाकी प्रतियोगी भी वापस आये और सबने एक साथ फिनिश लाइन पार की। स्टेडियम में मौजूद लोगो ने खड़े होकर सभी प्रतियोगियों को सलामी दी। मां कहने लगी, मैंने तुम्हें यह कहानी इसलिए सुनाई, ताकि तुम समझ पाओ की जिंदगी में जीत ही सब कुछ नहीं होती।

ऐसा कोई जीत नहीं, जो तुम्हे हमेशा के लिए खुश कर सके। ख़ुशी प्यार बांटने और एक दूसरे की मदद करने में मिलती है। कभी एक दूसरे को जिताकर देखो, तुम्हे समझ में आ जायेगा की वह खुशी तुम्हारे खुद के जीतने से कितनी बड़ी है। मुरली और बंसी ने एक दूसरे की तरफ देखा, क्षमा मांगी और दोनों ने मिलकर घर की सफाई शुरू कर दी।

वह जीत किस काम की, जिसमें खुशी ना मिले।

@iamindian

Posted using Partiko Android

Coin Marketplace

STEEM 0.20
TRX 0.13
JST 0.029
BTC 66360.61
ETH 3420.45
USDT 1.00
SBD 2.63