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RE: समाज-सेवा : प्रभु-सेवा (भाग # १) | Community Service : God Service (Part # 1)
मानवता की सेवा करने वाले हाथ उतने ही धन्य होते जितने है
जितने परमात्मा की प्रार्थना करने वाले होठ।
बहुत अच्छा लिखा आपने इस पोस्ट में।
आपने सही कहा, परन्तु मैं इसमें थोड़ा ओर सही करना चाहता हूँ कि मानवता की सेवा करने वाले हाथ, परमात्मा की प्रार्थना करने वाले होठों से ज्यादा धन्य होते है. उम्मीद है आपको पसंद आएगा.