You are viewing a single comment's thread from:RE: जिनवाणी : जीवन और आचरण -- भाग # २ View the full contextamitak (44)in #life • 6 years ago जीवन और आचरण फुल और खुशबु की तरह है जैसे बिना खुश्बू वाले फुल का कोई महत्व नहीं होता उसी तरह आचरण हिन व्यक्ति का भी समाज में कोई महत्व नहीं होता।
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