My first & last, love life story...!💐
तुम्हारे साथ वक्त गुजारना कितना अच्छा लगता है,
सारा दिन तुम्हारी बातें सुनना कितना अच्छा लगता है,
तुम आज आओगे, कल आओगे, यह सोच कर हर वक्त तुम्हारा इंतजार करते रहते हैं, तुम आओ, या ना आओ तुम्हारे इंतजार में एक एक पल, एक एक लम्हा, गुजारना कितना अच्छा लगता है,
वैसे तो दुनिया में कई लोग है, मगर कोई एक ऐसा भी है, जिसकी तारीफ यह दिल, दिन रात किए जाता है, फिर भी जी ही नहीं भरता, सिर्फ उनकी ही तारीफ करना कितना अच्छा लगता है, "तुम्हारे साथ वक्त गुजारना कितना अच्छा लगता है"
क्यों? ऐसा महसूस होता है, कि लाखों-करोड़ों खूबियां तो बस तुझ में ही है, तुझमें कहीं कोई ऐब नजर नहीं आता, गर लोग ढूंढते हैं तुझ में कुछ ऐब, तो हम ऐसे लोगों से नाराज क्यों हो जाते हैं, तुम्हारे एबो को छुपाना कितना अच्छा लगता है,
तुम्हारे करीब होते ही लोग हमसे झगड़ने लगते है,
तुम्हारी बात करते ही लोग हम से उलझने लगते है, तुम्हारे लिए, तुम्हारे इश्क मैं, लोगों से झगड़ना, और उलझना, कितना अच्छा लगता है.
मिलता नहीं है मौका तनहाई में तुझसे मिलने का, जब जब मिलते हो तो लोगों की भीड़ में, लेकिन भीड़ में बदनाम हो जाते हैं, तुम्हारे इश्क में बदनाम होना कितना अच्छा लगता है,
तुम्हें पाने के अरमा दिल से निकलते नहीं है, अपना बनाने के इरादे बदलते नहीं है, गर तु मिल जाए हमें तो तैयार है हम अपने आप को बदलने के लिए, मगर तुमसे हमें जुदा करने वालों के इरादे बदलते नहीं है, कर दिया आखिर हमें तुमसे जुदा, और छोड़ दिया तड़पने के लिए... तुम्हारे इश्क में तड़पना कितना अच्छा लगता है,
मेरी आंखो के सामने मेरे प्यार को डोली में बिठाकर विदा कर दिया, और मैं रोता रह गया, आंखों से आंसू जारी थे मेरी, तुम्हारी जुदाई में रोना कितना अच्छा लगता है...
अब लबों से एक ही दुआ जारी रहती है खुदा तुम्हें खुश रखे, खुदा तुम्हें खुश रखें, यहां तो बस, अपने अपने लिए जीते हैं सब, खुदा करे हम तो बस तुम्हारी खुशी के लिए जिए, और इस दर्द भरे सदमे को भूल जाए,इस कमबख्त दिल की तसल्ली के लिए... खुद को तो बड़ी मुश्किल से समझा दिया है, मगर अब इस दिल को समझाना कितना अच्छा लगता है...
अब दिन गुजरते जा रहे हैं तुम्हारी यादों में, तुम्हारे मीठे मीठे एहसास में, क्या करें इस दिल को सिवा तेरे कोई जचता ही नहीं है, तुम ना सही तुम्हारी यादों में गुमसुम पड़े रहना कितना अच्छा लगता है...
धीरे-धीरे अब तो हमारी उम्र भी ढलने लगी है. बुढ़ापे की ओर चलने लगी हैं, अब तक किसी को अपना नहीं बनाया सिवा तेरे, जान भी तुम्हारे लिए, जिस्म भी तुम्हारे लिए, मेरा सब कुछ तुम्हारे लिए, अगर तुम ना मिले तो बर्बाद कर देंगे सारी जवानी... तुम्हारे इश्क में इस जवानी को बर्बाद करना कितना अच्छा लगता है...
कसम है हमें हमारे सच्चे प्यार की, हम तुम्हें बेइंतिहा, बेपनाह, सच्ची मोहब्बत करते हैं, और तुम्हारी मोहब्बत में खुद को फना कर देना कितना अच्छा लगता है!