A little effort - "उम्मीद"
Hello Steamians,
I hope you all are well and healthy.
Stay in your homes and be safe, enjoy your life.
"उम्मीद"
चलो आज उम्मीदों को पुनः उगाते हैं.....
वक्त के सरोवर में आशाओं के कमल खिलाते हैं....
क्या हुआ की राहों में कांटे कुछ ज्यादा और फूल कम हैं....
अपने हौसले भी कहाँ किसी से कम हैं......
निराशाओं से भरा ये अंधेरा भी छठ जायेगा.....
आशाओं से प्रजवलित नया सवेरा भी नजर आएगा....
प्रफुल्लित तन और प्रफुल्लित मन से सुसज्जित विचारो का आज एक हवन करते है....
प्रकृति की सकारात्मक ऊर्जा का पुनः सृजन करते हैं......
वो अलग बात है नाराज है हमसे हमारा खुदा.....
गलती अपनी मानकर उसे खुश करने का प्रयत्न करते हैं......
चांदी से सजते पर्वतों को हमने ही कूड़े के भंडारों से सजा दिया....
नदियों के स्वच्छ और स्वछंद जल को रसायन और गंदगी का कुंड बना दिया.....
राहों में मिलते थे गलबहियां करते हजारों वृक्ष अब उनको कंक्रीट का महल बना दिया......
प्रकृति से खिलवाड़ कर उसकी सत्ता में दखलंदाजी का परिणाम यह निकला....
की उसने एक हवा क्या चलाई मानव को आइना दिखा ही दिया.......
चलो अब भी हम जाग जाते हैं.....
प्रकृति के साथ चल एक नई क्रांति लाते है.....
चलो आज उम्मीदों को पुनः जागते हैं.......
Enjoy the poetry
I hope you like it.
Have a good day.
(मेरे मित्र का एक छोटा सा प्रयास)
एक एहसास उम्मीद में बदल जाते है।
Thanks my friend
Seeing to this little girl i must say that our we all should learn from her and start taking care of nature .
You are right. Thanks for valuable comment
Kaafi accha likha he aapne well done
Inspiring post. Well written. Keep posting. Have a great day ahead.
उम्मीद पे ही दुनिया कायम हैं #affable #india
Very inspiring poem. Keep writing sir.
#affable #india
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