जीवन मिला ही इसलिए है ......
जीवन मिला ही इसलिए है
ताकि अपने दोषों से, अपने विकारों से,
ऊपर उठ सको।
कल जो विकार थे मुझमें
आज़ भी हैं तो मैंने किया क्या,
वक्त बर्बाद करने के अलावा!
और अगर मुझे ऊपर उठना है
तो फ़िर मुझे संगति भी
उन्हीं लोगों की करनी पड़ेगी
न जो ऊपर वाले हैं।
कीमत चुकाइए,
ऊपर उठते जाइए।