Contest|| My collection By-@avinashgoyal


संग्रह


हो सकता हैं की कोई मोल ना हो उस वस्तु का किसीके लिए। पर उस वस्तु के साथ जुड़ी यादें आपको प्रेरित करती हैं उस वस्तु को संग्रह करने हेतु। कुछ ऐसा ही संग्रह मेरा भी है जिसके साथ जुड़ी यादों को भी मे इस लेख मे आपके साथ साझा करना चाहूंगा।


  • इस प्रतियोगिता द्वारा मुझे अपने संग्रह को आपके साथ साझा करने का अवसर देने हेतु मे @nahela और colombia-original धन्यवाद करना चाहूंगा।



My collection My treasure of memories


First coin first story



कई वर्षो पहले हमारा एक PCO था। उस समय mobile का इतना चलन नही था तब सभी हमारे PCO पर कॉल करने आते थे। मे PCO चलता था, और साथ ही साथ अपने मित्रों को बुला कर केरम, चेस, वीडियो गेम भी खेला करता था। उस समय हमारा परिवार इतना सक्षम नही था घर मे धन का अभाव था। परिवार पर इतनी परेशानी देख मेरे पिता ने उस घर को बेच दिया और हम नये घर मे चले गए। और जो धन बचा उससे मेरे पिता ने हम पर आये धन संकट का निवारन किया परंतु इस मे हमारा PCO भी बंद हो गया जब मैने PCO का समान पेटी मे रखा तब मुझे यह पांच रुपए का सिक्का मिल।
यह 1989 का सिक्का था तो मैने इसे अपने पास रख लिया।


Second coin second story



2013 मे मेरी नानी से मिलने गया था। नानी चक्की मे दाल पीस रही थी। मैने उनकी दाल पिसने मे मदत की उस के बाद हम दोनों ने खूब बातें की और जब मे वहां से घर वापस लोटने लगा तब नानी ने मुझे एक बटुआ मम्मी को देने को दिया मैने उस बटुए को अपने बैग मे रख दिया और जब घर पहुँच तो मम्मी को बटुआ देना ही भूल गया। कुछ दिनो पश्चात नानी की तबियत बहुत खराब हो गयी। उन्हें heart attackआया था। नानी हॉस्पिटल मे थी। और मम्मी नानी से मिलने जा रही थी तभी मुझे उस बटुए का ध्यान आया मैने मम्मी को बटुआ दिया। मम्मी बटुआ अपने साथ लेकर नानी से मिलने चली गई। अगले दिन नानी शांत हो गई। मम्मी घर आये वो बहुत दुःखी थी तब उन्होंने उस बटुए को खोल उस मे मम्मी के लिए सोने की बाली और यह एक सिक्का रखा हुआ था। मैने इस सिक्के को नानी की याद मे अपने पास रख लिया। coins


The story of Three coins




मे हायर सैकेंड्री की पढ़ाई कर रहा था। दिन भर कोचिंग मे पढ़ता और रात को घर मे पढ़ाई करता। एक रात मे मेरे कमरे मे पढ़ाई कर रहा था की बाहर हाॅल से मुझे माँ के रोने की आवाज आई। मैने बाहर झांक कर देखा तो पापा और मम्मी बात कर रहे थे और मम्मी सिसक् सिसक् कर रो रही थी। उनके हाथ मे एक कागज था। पापा मम्मी से कह रहे थे की सब ठीक हो जायेगा। मुझे कुछ समझ नहीं आया और मे वापस पढ़ाई करने बैठ गया। अगले दिन जब मै स्कूल के लिए तैयार हो कर जाने लगा की तभी मेरी नजर TV के पास रखे एक कागज पे पड़ी मै कागज देख कर समझ गया की ये तो वही कागज है जो का मम्मी लेकर बेठी रो रही थी। मैने उस कागज को उठाया। वो कागज Jawaharlal Nehru Cancer Hospital का था और जब मैने उसे पढ़ा तब मेरे पैरो के नीचे से जमीन खिसक गई। उसमे लिखा था की मेरे पापा को कैंसर है। मेरी आँखों मे आँशु थे और घुस्सा भी क्यों की किसी ने मुझे इस बारे मे कुछ नहीं बताया था। मे उस कागज को वही TV के पास रख कर स्कूल के लिए निकल गया पर मे स्कूल गया नही मैने अपने बेग को मेरे दोस्त के घर रखा और अपनी ड्रेस चेंज कर मे हमारे घर से कुछ दूर स्थित एक डेरी प्रोडक्ट्स बनाने वाली कम्पनी मे पहुँच गया। और वहाँ काम करने लगा। ऐसे ही कुछ दिन मैने वहां काम किया पर एक दिन पापा को पता चल गया की मे स्कूल और कोचिंग नही जा रहा फिर पापा ने मुझे अपने पास बुलाया मे यह सोच कर डर रहा था की अब का होगा। तब पापा ने मुझे अपने पास बिठाया और मुझे अपने गले से लगा लिया।
पापा जान चुके थे की मुझे उनके केंसर के बारे मे पता चल गया है। आज मे रो रहा था और पापा जी मुझ से भी यही बोले की सब ठीक हो जायेगा। पापा ने मुझ से कहा कि मे चिन्ता ना करूं।
और फिर मेरे सिर पर हाथ रखा और बोले
( जब तक बेटा तुम अपने पैरो पर खड़े नहीं हो जाते तब तक मुझे केंसर तो क्या स्वम् यमराज भी तुम से दूर नही कर सकता।)
उस दिन के 5 वर्ष बाद मेरी कॉलेज (B pharmacy) की पढ़ाई समाप्त हो गयी थी और मेरी जॉब गुजरात की एक कंपनी (As a quality assurance offer के रूप) मे लग गयी थी। मुझे रोज शुभ 5 बजे पापा का कॉल आता क्युंकि मेरा काम पर जाने का समय 6 बजे था। पर एक दिन पापा जी का कॉल नही आया। मै उस दिन सुबह देर से जागा जिस वजहा से मै कंपनी भी नहीं जा सका। मै बहुत चिंतित था। दिन भर पापा को कॉल करता रहा पर कॉल पर बात नहीं हो पाई। इस तरह दो दिन बीत गए फिर एक दिन शाम को 4 बजे पापा जी का कॉल आया उन्होंने कहा बेटा अब आजा। मैने पापा से पूछा क्या हुआ तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया और कॉल कट हो गया। मै उसी समय रेलवे स्टेशन पहुँचा और भोपाल की ट्रेन पकड़ी। सुबह के 8 बजे मे भोपाल पहुँचा और अपने दोस्त अर्पित को कॉल किया उसने मुझे Jawaharlal Nehru Cancer Hospital पहुँचाया। जब मे पापा के पास पहुँचा तो मैने देखा की वह बेहोश लेटे हुए है। मम्मी ने उन्हें उठाने की बहुत कोशिश की परंतु वो नही उठे। डॉक्टर ने मुझे बताया कि पापा की दोनों किडनी फैल हो गई है। मै 3 दिन तक उनके पास ही बैठा रहा पर वो नही जागे। और फिर अचानक वो झटपटा कर उठे मेरे हाथो को पकड़ कर पाँच मिनिट तक झटपटाते रहे मै डॉक्टर को बुलाता रहा पर धीरें धीरें उनकी पकड़ ढीली होती गयी और फ़िर वो मुझे छोड कर चले गए। और मै कुछ ना कर सका। पापा से कहा था।
( जब तक बेटा तुम अपने पैरो पर खड़े नहीं हो जाते तब तक मुझे केंसर तो क्या स्वम् यमराज भी तुम से दूर नही कर सकता।)
और उन्होंने कर दिखाया। उनके कपड़ो में मुझे यह तीन सिक्के मिले थे। और यह तीनों मेरे लिए अनमोल हैं।


मे इस प्रतियोगिता मे हिस्सा लेने के लिए @ahlawat, @moyeon, @samyank को आमंत्रित करना चाहूंगा।




🙏धन्यवाद🙏

Posted using SteemPro Mobile

Sort:  

नमस्ते! सिक्कों के संग्रह के उनके वृत्तांत ने मुझे मंत्रमुग्ध कर दिया और मेरी आँखों में आँसू आ गए। उन सिक्कों को प्यार से संभाल कर रखना @avinashgoyal

अपने शब्दों से मेरे लेख को सम्मान देने हेतु धन्यवाद।
यह सिक्के मेरे अतीत का अंस हैं।

Posted using SteemPro Mobile

......i liked tour collection its precious coins wow.....
Keep it up brother....

Posted using SteemPro Mobile

 last year (edited)

এই প্রতিযোগিতায় অংশগ্রহণ করার জন্য আপনাকে অনেক ধন্যবাদ, আমি প্রতিটি মুদ্রার সাথে গল্পটি পছন্দ করেছি, আমাদের সাথে শেয়ার করার জন্য ধন্যবাদ।

আমি আপনাকে সম্প্রদায়ে নিজেকে যাচাই করার পরামর্শ দিচ্ছি যাতে আপনার অংশগ্রহণ বৈধ হয়৷

আমি আপনাকে লিঙ্ক ছেড়ে দিচ্ছি:
VERIFÍCATE Y SE PARCERO DE COLOMBIA-ORIGINAL 😁👍 | VERIFY YOURSELF AND BE PARCERO IN COLOMBIA-ORIGINAL 😁👍

Verificación❌ ó ✅
Libre de plagio
Libre de Bot
#steemexclusive
Estado del Club

93c427d9-fd07-4c18-8c1d-edf4ef2c306e.jpg

🥺🥺🥺🥺......bahut pyari or emotional baatein haii🙏❤️

Posted using SteemPro Mobile

One of the great collection you have 😁💫

Posted using SteemPro Mobile

Coin Marketplace

STEEM 0.17
TRX 0.14
JST 0.028
BTC 58097.21
ETH 2581.79
USDT 1.00
SBD 2.41