यह दुनिया शरीर से प्यार करने वाली है, पर इसका यह शारीरिक प्यार भी स्वार्थी है । उदाहरण के लिए पिता पुत्र का प्यार ही ले लो, पिता और पुत्र का एक दूसरे के प्रति प्यार होता है । पर जब दोनों में से किसी एक की मृत्यु हो जाए तोह मृतक को जल्दी से बिस्तर से जमीन पे कर दिया जाता है, उसे जल्द से जल्द श्मशान भूमि में लेकर जाने का कार्य शुरू कर दिया जाता है । जब तक वो मृतक नहीं हुआ था तब तक उसके लिए आलीशान बिस्तर थे, उसे आंखों से दूर करने को दिल नहीं करता था, पर एक ही पल में मृत्यू आई और सब प्यार समाप्त हो गया । अब उसको बिस्तर से भी नीचे उतार लिया, बिस्तर अशुद्ध न हो जाए । उसको एक दो दिन के लिए घर पे भी रखने को तैयार नहीं, घर पे भूत प्रेत बनकर न रहने लग जाए । जल्द से जल्द इसको श्मशान में जाकर फूक दो ।