हमारे शरीर की हर तरह की गांठ का इलाज करने में चमत्कारी है ये उपाय
नमस्कार दोस्तों, आज मैं आपको एक ऐसी जानकारी देने जा रहा हूँ जो आपके लिए बेहद महत्वपूर्ण है, अक्सर हमारे शरीर के किसी भी भाग में गांठे बन जाती हैं, जिन्हें सामान्य भाषा में गठान या रसौली कहा जाता हैं, किसी भी गांठ की शुरुआत एक बेहद ही छोटे से दाने से होती हैं लेकिन जैसे ही ये बड़ी होती जाती हैं, इन गाठों की वजह से ही गंभीर बीमारियां भी हो जाती हैं. ये गांठे टी.वी से लेकर कैंसर की बीमारी की शुरुआत के चिन्ह होती हैं. अगर किसी व्यक्ति के शरीर के किसी भाग में कोई गाँठ हो गई हैं, जिसक कारण उस गाँठ से आंतरिक या बाह्य रक्तस्राव हो रहा हो. तो हो सकता हैं कि यह कैंसर की बीमारी के शुरुआती लक्षण हो लेकिन इससे यह भी सुनिश्चित नहीं हो जाता कि ये कैंसर के रोग को उत्पन्न करने वाली गांठ हैं, कुछ गाँठ साधारण बिमारी उत्पन्न होने के कारण भी हो जाती हैं किन्तु हमें किसी भी प्रकार की गांठों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए तथा उसका तुरंत ही उपचार करवाना चाहिए।
कुछ स्त्रियाँ या पुरुष नासूर या ऑपरेशन कराने के डर से जल्द गाँठ का इलाज नहीं करवाते लेकिन ऐसे व्यक्तियों के लिए यह समझना बहुत ही आवश्यक हैं कि इन छोटी सी गांठों को यदि आप लगातार नजरअंदाज करेंगें तो इन गांठों की ही वजह से ही आपको बाद में अधिक परेशानी का सामना करना पड सकता हैं, आज हम आपको शरीर के किसी भी भाग में होने वाली गांठ को ठीक करने के लिए कुछ आयुर्वेदिक उपचारों के बारे में बतायेंगें, जिनका वर्णन नीचे किया गया हैं।
कचनार की छाल और गोरखमुंडी
किसी भी तरह की गाँठ को ठीक करने के लिए 25 से 30 ग्राम तक कचनार की ताज़ी और सुखी छाल लें और इसे मोटा – मोटा कूट लें, अब एक गिलास पानी लें और इस पानी में कचनार की कुटी हुई छाल डालकर 2 मिनट तक उबाल लें, जब यह अच्छी तरह से उबल जाएँ तो इसमें एक चम्मच पीसी हुई गोरखमुंडी डाल दें, अब इस पानी को एक मिनटतक उबालें, इसके बाद आप इस पानी को छानने के बाद इसका दिन में दो बार सेवन कर सकते हैं. इस पानी का सेवन करने के बाद आपको गलें, जांघ, हाथ, प्रोटेस्ट, काँख, गर्भाशय, टॉन्सिल तथा थायराइड के कारण निकली हुई गाँठ से लगातार 20 – 25 दिनों तक सेवन करने से छुटकारा मिल जाएगा।
आकडे का दूध
गाँठ को ठीक करने के लिए आप आकडे के दूध में मिटटी मिला लें. अब इस दूध का लेप जिस स्थान पर गाँठ हुई हैं, इसे वहाँ पर लगायें आपको आराम मिलेगा।
निर्गुण्डी
किसी भी प्रकार की गाँठ से मुक्त होने के लिए 20 से 25 मिली काढ़ा लें और उसमें 1 से 5 मिली लीटर तक अरंडी का तेल मिला लें, इन दोनों को अच्छी तरह से मिलाने के बाद इस मिश्रण का सेवन करें।
गेहूं का आटा
गेहूं का आटा लें और उसमें पानी डाल लें. अब इस आटे में पापड़खार मिला लें और इसका सेवन करें तो आपको लाभ होगा।
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