एक गुरु और एक शिष्य की कहानी
नमस्कार दोस्तों steemit के हिंदी ब्लॉग में आपका हार्दिक स्वागत है मेरा आज का ब्लॉक गुरु और शिष्य की बहुत अच्छी कहानी है
एक गुरु ने बच्चो से पूछा की अगर में तुम सबको 100,100रुपये दिये जाए तो तुम क्या खरीदोगे कोई बोला में वीडियो गेम खरीदूंगा, कोई बोला क्रिकेट का बैट खीरुदूँगा, कोई बोला में एक प्यारा सा गुड्डा खरीदूंगा, कोई बोला में ढेर सारी चॉकलेट खरीदूंगा,
एक बच्चा सोचने में लगा हुआ था तभी गुरु ने उससे कहा तुम क्या सोच रहे हो तुम क्या खरीदोगे
तो बच्चा बोला मेरी माँ को थोड़ा कम दिखाई देता है तो में अपनी माँ के लिए एक चस्मा खरीदूंगा तो गुरु ने कहा तुम्हारी माँ के लिए चस्मा तो तुम्हारे पापा भी खरीद सकते हैं तुम्हे अपने लिए कुछ नही खरीदना तब बच्चे ने जो जवाब दिया उससे टीचर का भी गला भर आया बच्चे ने कहा गुरु जी मेरे पापा अब इस दुनिया मे नही है मेरी माँ लोगो के कपड़े सील कर मुझे पडाती है और उसे कम दिखाई देने की वजह से वो सही से कपड़े सील नही पाती है इसलिए गुरु जी में अपनी माँ को चस्मा देना चाहता हूँ ताकि में अच्छे से पड़ सकु ओर बड़ा आदमी बन सकु और अपनी माँ को सारी सुख सुविधा दे सकूँ। गुरु जी ने कहा कि बेटा तेरी सोच ही तेरी कमाई है। यह 100रुपये मेरे वादे के अनुसार और ये 100रुपये ओर तुम्हे दे रहा हुँ जब कभी कमाओ तो लोटा देना।और मेरी इच्छा है, तू इतना बड़ा आदमी बने कि तेरे सर पे हाथ फेरते वक़्त मैं धन्य हो जाऊं। 20 साल के बाद, स्कूल के बाहर बारिश हो रही थी । और अंदर क्लास चल रही थी। अचानक स्कूल के आगे जिला कलेक्टर की लाल बत्ती वाली गाड़ी आकर रुकती है। स्कूल स्टाफ चोककना रह जाता है। मगर यह क्या वह जिला कलेक्टर एक व्रद्ध गुरु के पैरों पे गिर पड़ता है। और कहता है, गुरु जी में उधर के 100रुपये लौटाने आया हूँ। पूरा स्कूल दंग रह जाता है व्रद्ध गुरु जी झुके हुए नोजवान कलेक्टर को उढ़ाकर बजुवो में कस लेते हैं। और रो पड़ते हैं। दोस्तो मशहूर होने पर कभी घमण्ड मत करना। साधारण रहना , कमजोर मत बनना, वक्त बदलते देर नही लगती। शहनशाह को फ़क़ीर ओर फ़क़ीर को शहनशाह बनते देर नही लगती है।
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धन्यवाद
@romantickankit
गुरु और शिष्य का ऐसा सम्बन्ध होता है ।जैसे एक माँ का बेटे से।एक बेटे का अपनी माँ से।
जी आप सत्य बोल रहे हैं में आपकी बात से सहमत हूं हम जितना अपने माता पिता का आदर करते है उतना ही आदर हमे अपने गुरु का भी करना चाइये धन्यवाद जी