way to feel
प्रयोगकर्ता होना जरूरी है पर इस हेतु ज्ञान ही base है। प्रयोगकर्ता यानि experimantalist होने से पूर्व ज्ञान के प्रकाश से मन को भरना होता है,experimantalist नयी -नयी ज्ञान की बातें लाते रहते है और विज्ञान की ये तरक्की writers के बहुत काम आती है friends क्यूँकि writers को आज के वक़्त में आसानी है महसूस करने में जैसे की अब आजकल 'फौजी ट्रेनिंग के कुछ दिन कैसे होते हैं? 'ये बताने वाले कई videos available हैं ,पहले समय जैसी बात होती तो इसे महसूस करने आपको खुद जंग में जाना होता यानि soliders होने की feeling सिर्फ जंगे मैदान के एक सिपाही को ही मिल सकती थी पर आज writers को आसानी है वो महसूस करने में जो फौजी महसूस करता है देश की रक्षा का दायित्व निभाते हुये ,जो docter महसूस करता है सर्जरी के वक़्त या फिर बात हो वो महसूस करने की जो एस्ट्रोनॉट महसूस करता है space station में ,एक writer बनकर उम्र के किसी भी पड़ाव को महसूस करने लग जाता है इंसान और क्यूँ आज मैं feeling की ही बातें कर रहा हूँ आपसे ? दरअसल मैं feeling की नहीं उन लोगों की बात कर रहा हूँ जिनकी feel करने में mastery है यानि 'लेखक' क्यूंकि वैसे तो सच्ची कड़ी मेहनत करने वाला एक भी इंसान अनुभूति से अछूता नहीं हो सकता पर writers खास हैं क्यूंकि वो न सिर्फ बहुत कुछ feel कर पाते हैं बल्कि बहुत कुछ feel करने की क्षमता भी वो किसी को भी दे सकते हैं और इंसान को महसूस करने की इतनी ज्यादा जरूरत होती है कि हमारी कड़ी मेहनत एक दिन हमें लेखक बना ही देती है ,I mean आपने देखा होगा कि कुछ achieve कर चुके सब लोग writers हैं या बन जाते हैं उनमें से कुछ तो सफर के दौरान भी लिखते थे तो कुछ ने सीखा ही तब ,देखा जाये तो यही तो समानता है जो हम सबमे है क्यूंकि जीवन का युद्ध लड़ते लड़ते एक दिन हम लेखक बन ही जाते हैं मित्रो