निडरता – Fearless story hindi and english

in #fearless6 years ago

निडरता – Fearless stori hindi

एक बार एक व्यवसायी पूरी तरह से कर्ज से डूब गया था और उसका व्यवसाय बंद होने के कगार पर था| वह बहुत चिंतित व निराश होकर एक बगीचे में बैठा था और सोच रहा था कि काश कोई उसकी कंपनी को बंद होने से बचा ले|

तभी एक बूढ़ा व्यक्ति वहां पर आया और बोला – आप बहुत चिंतित लग रहे है, कृपया अपनी समस्या मुझे बताइये शायद मैं आपकी मदद कर सकूं |

व्यवसायी ने अपनी समस्या उस बूढ़े व्यक्ति को बताई|

व्यवसायी की समस्या सुनकर बूढ़े व्यक्ति ने अपनी जेब से चेकबुक निकाली और एक चेक लिखकर व्यवसायी को दे दिया और कहा – तुम यह चेक रखो और ठीक एक वर्ष बाद हम यहाँ फिर मिलेंगे तो तुम मुझे यह पैसे वापस लौटा देना|

व्यवसायी ने चेक देखा तो उसकी आँखे फटी रह गयी – उसके हाथों में 50 लाख का चेक था जिस पर उस शहर के सबसे अमीर व्यक्ति जॉन रोकफेलर के साइन थे|

उस व्यवसायी को यह विश्वास नहीं हो पा रहा था कि वह बूढ़ा व्यक्ति और कोई नहीं बल्कि उस शहर का सबसे अमीर व्यक्ति जॉन रोकफेलर था| उसने उस बूढ़े व्यक्ति को आस-पास देखा लेकिन वह व्यक्ति वहां से जा चुका था|

व्यवसायी बहुत खुश था कि अब उसकी सारी चिंताएं समाप्त हो गयी है और अब वह इन पैसों से अपने व्यवसाय को फिर से खड़ा कर देगा|

लेकिन उसने निर्णय किया कि वह उस चेक को तभी इस्तेमाल करेगा जब उसे इसकी बहुत अधिक आवश्यकता होगी और उसके पास कोई दूसरा उपाय नहीं होगा|

उस व्यवसायी की निराशा और चिंताएं दूर हो चुकी थी| अब वह निडर होकर अपने व्यवसाय को नए आत्मविश्वास के साथ चलाने लगा क्योंकि उसके पास 50 लाख रूपये का चेक था जो जरूरत पड़ने पर काम आ सकता था|

उसने कुछ ही महीनों में व्यापारियों के साथ अच्छे समझौते कर लिए जिससे धीरे धीरे उसका व्यवसाय फिर से अच्छा चलने लगा और उसने उस चेक का इस्तेमाल किये बिना ही अपना सारा कर्जा चुका दिया|

ठीक एक वर्ष बाद व्यवसायी वही चेक लेकर उस बगीचे में पहुंचा जहाँ पर एक वर्ष पहले वह बूढ़ा आदमी उससे मिला था|

वहां पर उसे वह बूढ़ा आदमी मिला, व्यवसायी ने चेक वापस करते हुए कहा – धन्यवाद आपका जो आपने बुरे वक्त में मेरी मदद की| आपके इस चेक ने मुझे इतनी हिम्मत दी कि मेरा व्यवसाय फिर से खड़ा हो गया और मुझे इस चेक का उपयोग करने की कभी जरूरत ही नहीं पड़ी|

वह अपनी बात पूरी करता तभी वहां पर पास ही के पागलखाने के कुछ कर्मचारी आ पहुंचे और उस बूढ़े आदमी को पकड़कर पागलखाने ले जाने लगे|

यह देखकर व्यवसायी ने कहा – यह आप क्या कर रहे है? आप जानते है यह कौन है? यह इस शहर के सबसे अमीर व्यक्ति जॉन रोकफेलर है|

पागलखाने के कर्मचारी ने कहा – यह तो एक पागल है जो खुद को जॉन रोकफेलर समझता है| यह हमेशा भागकर इस बगीचे में आ जाता है और लोगों से कहता है कि वह इस शहर का मशहूर व्यक्ति जॉन रोकफेलर है| हमें लगता है कि इसने आपको भी बेवकूफ बना दिया|

वह व्यवसायी पागलखाने के कर्मचारी की बाते सुनकर सुन्न हो गया| उसे यकीन नहीं हो पा रहा था कि वह व्यक्ति जॉन रोकफेलर नहीं था और एक वर्ष से जिस चेक के दम पर वह आराम से अपने व्यवसाय में जोखिमें उठा रहा था वह नकली था|

वह काफी देर सोचता रहा फिर उसे समझ में आया कि यह पैसा नहीं था जिसके दम पर उसने अपना व्यवसाय वापस खड़ा किया है बल्कि यह तो उसकी निडरता और आत्मविश्वास था जो उसके भीतर ही था|

      **अपने आप पर यकीन रखो**

हमारे भीतर समस्त ब्रहांड की शक्ति निहित है जिसके बल पर हम कुछ भी कर सकते है लेकिन समस्या यह है कि हम कभी कभी नकारात्मकता, निराशा और डर के अन्धकार में इतना डूब जाते है कि हम भूल जाते है कि हमारे भीतर असीमित शक्ति है जो अंधकार को पल भर में दूर कर सकती है|जब हम आत्मविश्वास और निडरता का रास्ता चुनते है तो सारी रूकावटें अपने आप दूर हो जाती है

Fearless - Fearless Stori english

Once a businessman was fully immersed in debt and his business was on the verge of closure. He was very worried and frustrated sitting in a garden and wondering if anyone would save his company from getting clogged.

Then an old man came there and said - you seem very worried, please tell me your problem, maybe I can help you.

The businessman told his problem to the old man.

Upon hearing the problem of the businessman, the old man took out a check book from his pocket and gave a check to the businessman and said - You keep this check and after one year we will meet again here, then you should give me this money back.

When the businessman saw the check, his eyes were torn - his hand had a check of 50 million, which was the sign of John Rockefeller, the richest person in that city.

The businessman could not believe that he was an old man and nobody was John Rockefeller, the richest person in that city. He saw that old man around but the person had gone there.

The businessman was very happy that now all his worries have ended and he will now re-establish his business with these money.

But he decided that he will use that check only when he needs it very much and he will not have any other solution.

The disappointment and worries of that businessman had gone away. Now he fearlessly started to run his business with new confidence because he had a check of Rs 50 lakh which could have worked if needed.

In a few months, he made a good deal with the traders, which gradually started his business well and he paid all his debt without using that check.

Just a year later, the businessman took the same check and reached the garden where the old man had met him a year ago.

There he found that old man, the businessman returned the check saying - Thank you which you helped me in a bad time. Your check has given me so much courage that my business has stood up again and I never needed to use this check.

When he did his thing, some employees of the nearby madhouse came there and grabbed the old man and started taking him to the madhouse.

Seeing this, the businessman said - What are you doing? Do you know who it is? This is John Rockefeller, the city's richest person.

An insane employee said - This is a madman who considers himself as John Rockefeller. It always runs away and comes to this garden and tells people that it is the famous person of this city, John Rockefeller. We think that it made you fool too.

The businessman was stunned by the words of an insane employee. He was unable to believe that the person was not John Rockefeller, and for a year, the risk he was raising in his business with ease was fake.

He kept thinking for a long time and then realized that it was not the money that he had built back his business, but it was his fearlessness and self-confidence which was within him.

      **Believe in Yourself**

The power of all Brahma within us lies in the power of which we can do anything but the problem is that sometimes we get so drowned in the darkness of despair, despair and fear that we forget that we have unlimited power That can remove darkness into the moment. When we choose the path of self-confidence and fearlessness, then all obstacles are automatically removed

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