पेड़ बचाने के लिए आजमाया नायाब तरीका, कुछ सालों में तैयार हो गया कई एकड़ का जंगल
पेड़ों को बचाने के लिए शिक्षक सुभाष श्रीवास्तव ने देवी-देवताओं को उनका संरक्षक बना दिया है। जहां कटाई से वनक्षेत्र खत्म होने की कगार पर थे, आज बड़े इलाके में हरा-भरा जंगल पनप रहा है। वैसे तो बस्तर अपने घने जंगलों के लिए जाना जाता है, लेकिन भौतिकता के पीछे अंधी दौड़ के बीच पर्यावरण को बचाने के लिए देश-दुनिया में जिस प्रकार की चिंता हो रही है,
यहां कुल्हाड़ी के वार पर सुभाष के प्रयासों ने विजय पाई है। इसके चलते अब ग्रामीण इस जंगल को देव कोठार कहते हैं, यानी जहां देवता का वास होता है। देव कोठार में अब ग्रामीणों की ओर से ही पेड़ों की कटाई पर पूर्णत: प्रतिबंध लगा दिया गया है। विश्व पर्यावरण दिवस पर यहां हर साल मेला लगता है। इसमें बच्चे-बड़े-बुजुर्ग सभी पेड़ों की रक्षा का संकल्प लेते हैं।
Source click hear
I hope you like them,
Enjoy your Tuesday. Tuesday For Tree
Have a Nice Day.
Is he an artist?
no! only by post
यह बड़ी अजीब बात हैं की लोगो को अगर साइंटिफिक तरीके से समझया जाये तो समझते नहीं हैं ! लेकिन अगर उसी बात को अगर रिलिजन या इमोशन से जोड़ दिया जाए तोह बिना कोई सवाल किये मान जाते हैं !
you are right!
This user is on the @buildawhale blacklist for one or more of the following reasons: