GOOD MORNING सुप्रभात
good morning friends
Many times we become more angry at the common point of view, and any thing comes out from the mouth, which pricks the one who is in front of him, he can also be his aziz.
If someone is beaten, his pain may be cured as soon as possible, but the pain given by words never dies.
Many people who have said something like this in life, have spoken such a thing which has hurt us, if that person is available to us at any time of happiness then our mind becomes unhappy.
Tell any person as much as we have our own ability to listen. Maybe, the front can tolerate your talk in some compromise, maybe, his thinking is bigger than your thinking, maybe he is waiting for an opportunity, and the biggest thing is that he is very much Be rich in understanding, that does not want to disturb yourself or your family or whatever relationship you have with them due to your poor behavior.
Wounds of words are more deep and dangerous than weapon wounds. Therefore, the word Arno avoids running arrows.
Many times we realize this that our faces were very bad in front of us. And we also demand forgiveness from them, they also forgive us. In the meantime, what dangerous mentality is going through, how tense it is, perhaps it can not be estimated as a normal person.
From the words of forgiveness, you get settled like that, but in the heart forgiveness passes away.
So please keep yourself under control, especially on tongue.
Have a good day.
सुप्रभात दोस्तों
हम कई बार समान्य सी बात पर ज्यादा गुस्सा हो जाते हैं, और मुहँ से कोई एसी बात निकल जाती हैं, जो सामने वाले को, वो अपना अजीज भी हो सकता है, को चुभ जाती हैं।
किसी को पीट दिया जाय, तो उसका दर्द संभवतया जल्दी ही ठीक हो सकता है, लेकिन शब्दो से दिया गया दर्द कभी नही मिटता।
अनेक ऐसे व्यक्ति जिन्होने जीवन में बेमौके हमें कोई ऐसी बात बोल दी हो, जो हमें खराब लगी, वो व्यक्ति यदि हमें किसी खुशी के मौके पर भी मिल जाय, तो उसे देखकर हमारा मन अप्रसन्न हो जाता हैं।
किसी भी व्यक्ति को उतना ही सुनायें, जितना सुनने की हमारी अपनी क्षमता हो। हो सकता है, सामने वाला आपकी बात को किसी मजबुरी में सहन कर ले, हो सकता हैं, उसकी सोच आपकी सोच से बहुत बड़ी हो, हो सकता है, वो किसी मौके का इन्तजार कर रहा हो, और सबसे बड़ी बात, कि वो बहुत गहरी समझ का धनी हो, जो आपकी घटिया हरकत के कारण खुद को या परिवार को या जो भी आपका उनसे रिश्ता हो, उसे बिखेरना नही चाहता हो।
शब्दो के जख्म, हथियारो के जख्मों से ज्यादा गहरे और खतरनाक होते हैं। इसलिये शब्द बाणो को चलाने से बचे।
कई बार हमें इस बात का एहसास हो जाता हैं, कि हमारी बातें सामने वाले को बहुत बुरी लगी। और हम उनसे माफी भी मांग लेते हैं, वो हमें माफ भी कर देते हैं। इस दौरान सामने वाले की मानसिकता किस खतरनाक दौर से गुजर रही होती हैं, वो कितने तनाव में होता हैं, संभवतया इसका अनुमान एक सामान्य इन्सान तो नही लगा सकता।
माफी शब्दो से तो जैसे तैसे मिल जाती हैं, पर दिल से माफ होने में जमाने गुजर जाते हैं।
इसलिये कृपया अपने पर नियन्त्रण रखें, विशेष रूप से जुबान पर।
आपका दिन शुभ हो।
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