Beautiful thought
इंसान को किसी न किसी दशा में गुस्सा अवश्य आता है,किंतु उसे इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि क्रोध में भी किसी को गलत शब्द न कहे। क्योंकि कुछ समय पश्चात गुस्सा तो शांत हो जाएगा किंतु उसके द्वारा बोले गए शब्द वापिस नहीं आएंगे।रिश्तों में स्नेह तब तक ही रह सकता है जब तक कि लोगों के बीच निस्वार्थ भाव और एक- दूसरे के लिए सम्मान रहता है।
सहनशीलता हमारी शक्ति को दर्शाती है। बदला लेने की भावना से हमारी कमजोरी सामने आती है। जो बातें हम अपने लिए सही नहीं समझते हैं, उन्हें दूसरों के लिए भी प्रयोग नहीं करना चाहिए,यही सच्चा धर्म है।