Beautiful thought
चलन में झूठ का बोलबाला था क्योंकि उसकी खनक तेज थी इसलिए उसे मनवाना नहीं पड़ता था लोग यूं मान जाते थे मेरे हाथ में सच जो था उसे मनवाना नहीं जनवाना पड़ता उसमें कोई खनक नहीं थी और मुझमें हनक नहीं थी फिर क्या था चलन से बाहर होना ही था।
चलन में झूठ का बोलबाला था क्योंकि उसकी खनक तेज थी इसलिए उसे मनवाना नहीं पड़ता था लोग यूं मान जाते थे मेरे हाथ में सच जो था उसे मनवाना नहीं जनवाना पड़ता उसमें कोई खनक नहीं थी और मुझमें हनक नहीं थी फिर क्या था चलन से बाहर होना ही था।