Beautiful thought
परीक्षा जब अपने चरित्र की देनी हो अपने सत्कर्म और पूर्ण्य को भूलिए और सामने वालों के पापों कि गिनती की रस्म भूल कर बात करेंगे तभी शत प्रतिशत सफलता की उम्मीद कर सकते हैं।
परीक्षा जब अपने चरित्र की देनी हो अपने सत्कर्म और पूर्ण्य को भूलिए और सामने वालों के पापों कि गिनती की रस्म भूल कर बात करेंगे तभी शत प्रतिशत सफलता की उम्मीद कर सकते हैं।