Beautiful thought
मनुष्य को खोखला करने के लिए सिर्फ उसकी नाराजगी ही पर्याप्त है नराज व्यक्ति एक उजड़े फल और पत्ते विहीन सुखा ठूंठ वृक्ष के जैसा है जिस पर पक्षी भी अपना बसेरा नहीं बनाते बस उसकी लकड़ी जलकर आग देने के काम ही आती है।
मनुष्य को खोखला करने के लिए सिर्फ उसकी नाराजगी ही पर्याप्त है नराज व्यक्ति एक उजड़े फल और पत्ते विहीन सुखा ठूंठ वृक्ष के जैसा है जिस पर पक्षी भी अपना बसेरा नहीं बनाते बस उसकी लकड़ी जलकर आग देने के काम ही आती है।