Ghazal

in #prameshtyagi7 years ago

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लोग कहते हैं जिधर उनकी नज़र जाती है
जो भी शय सामने आती है संवर जाती है

जब उभरता है तसव्वुर में तेरा रुए जमाल
मेरे अन्दर कोई खुशबू सी बिखर जाती है

एक बार अपनी निगाहों की पिला दे साक़ी
जाम की पी हुई हर बार उतर जाती है

धूप दीवार से उतरी तो ख़्याल आया मुझे
ज़िन्दगी कितनी ख़मोशी से गुज़र जाती है

मुफ़लिसी, बाप, खिलौनो की दुकां, और बच्चे
देखिए कैसे कोई आरज़ू मर जाती है

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