डॉलर के मुक़ाबले रुपये में रिकॉर्ड गिरावट
नमस्कार दोस्तों आज का मेरा ब्लॉग डॉलर और रुपये को लेकर है,आईये जानते हैं
दोस्तो सोमवार को भारतीय रुपये के मुक़ाबले डॉलर का भाव 69.99 तक पहुंच गया. ये रुपये का अब तक का सबसे निचला स्तर रहा है।
दोस्तो अमरीका के बिगड़ते संबंध और तुर्की से आयात होने वाले स्टील और एल्युमीनियम पर अमरीका की ओर से बढ़ाया गया है।
रुपये के मुक़ाबले अमरीकी डॉलर जैसी सुरक्षित मुद्रा को चुन रहे हैं और भारत जैसे देशों में प्रतिभूतियां बेच रहे है।
भारतीय रिजर्व बैंक के पास मुद्रा को सामान्य करने के तरीके मौजूद हैं. रिजर्व बैंक ब्याज़ दर बढ़ा रहा है और जब जरुरत पड़ने पर वो अपने भंडार में कटौती भी कर करेगा ।
-: गिरावट की वजह:-
दोस्तो रुपये में गिरावट की वजह बढ़ते व्यापारिक घाटे को भी बताया जा रहा है. इस साल जून में भारत का व्यापारिक घाटा पांच वर्षों में सबसे ज़्यादा यानी 14.9 अरब अमरीकी डॉलर के आस पास हुवा हैं
-:इसका एक कारण ये भी है:-
अमरीकी अर्थव्यवस्था की स्थिति सुधर रही है और डॉलर मजबूत हो रहा है।
दोस्तो रुपये के कमजोर होने की दूसरी अहम वजह भारत का तेल आयात बिल भी है. भारत अपनी जरूरत का 78 फ़ीसदी से ज़्यादा तेल आयात करता है. तेल आयात करने के मामले में भारत दुनिया में तीसरे नंबर पर है । दोस्तो
अमरीका की ओर से ईरान पर दोबारा प्रतिबंध लगाए जाने के बाद से भारत का तेल बिल तेज़ी के साथ बढ़ा है।
ऐसे में दोस्तो बड़ा सवाल ये है कि रुपया कमज़ोर होने से भारतीयों की ज़िंदगी पर कितना असर होगा ???
रुपया कमज़ोर होने से महंगाई पर मामूली असर हो सकता है. आयात के लिए ज़्यादा रकम चुकानी पड़ सकती है. हालांकि, इसका एक सकारात्मक पहलू ये भी है कि हम जो निर्यात करते हैं वो ज़्यादा प्रतिस्पर्धी हो सकता है।
हालांकि दोस्तो रुपये की कीमत में गिरावट उन लोगों के लिए बुरी ख़बर है जो विदेश ख़ासकर अमरीका का दौरा करने वाले है दोस्तो।
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धन्यवाद दोस्तो ।।।
@romanticankit