ब्राह्मणों का विदेशीपन उजागर

in #hindi6 years ago (edited)

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ब्राह्मणों का विदेशीपन उजागर होने से ब्राह्मणों में दहशत का माहौल।

:-यह बार - बार सिद्ध हो चुका है कि ब्राह्मण भारत के मूलनिवासी नही है।इतिहासकारो और मानव वंश शास्त्रीय ने दी.एन. ए के आधार पर सिद्ध कर दिया है कि यूरेशियन ब्राह्मण भारत का मूलनिवासी नही है।

:- इसमे कोई दो राय नही है कि मुकनिवासी बहुजन समाज भी उन्हें विदेशी के ही नजरो से दखते है और इस दलील पर ब्राह्मण खरे उतरते है।

:-देश की आर्थिक विकास केवल ब्रहामण और पुंजिपतियो तक ही सिमट कर रह गया है।और ये अनियंत्रित सत्ता पर कब्जा होने की वजह से मूलनिवासियो को भुखमरी के कगार पर पहुचा दिया है।

:-शरीर रचना शास्त्र एवं भाषा शास्र के आधार पर राष्ट्रपिता ज्योतिराव फुले ने सबसे पहले ब्राह्मण कैसे विदेशी है यह स्पष्ट करते हुए कहा कि यह आर्य ईरानी भट्ट है जो विदेशी है।इतना ही नही ब्राह्मणों के ही बड़े नेता बाल गंगाधर तिलक ने' आर्टिकट्ट होम इन दा वेदाज' मैं ने कहा कि हम आर्य नस्ल के लोग है और विदेश से उतरी धुरुव से भारत मे आये।

:-उत्तर प्रदेश में विधान परिषद मैं शुक्रवार को हार्दयनारायन दीक्षित ने सदन में यह प्रश्न उपस्थित किया था कि हम ब्राह्मण लोग विदेशी कैसे?शायद दीक्षित ने (डिस्कवरी ऑफ इंडिया) (भारत की खोज) यह ग्रंथ नही पड़ा होगा जोकि विदेशी तर्ज़ पर कश्मीर में अपना ठौर ठिकाना स्थापित करने वाले जवाहर लाल नेहरू (जिसका असली सर नेम'कौल' है) दिल्ली मे नहर के किनारे रहते थे इसलिए उनका सर नेम' नेहरू' पड़ा।

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J baat , Singh sahab aap to brahmin ko apana dusman banoge steemit per .

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