जलवायु परिवर्तन से घट सकता है पंजाब व हरियाणा में चावल का उत्पादन
: वैश्विक स्तर पर जलवायु में परिवर्तन के कारण पंजाब और हरियाणा में धान के उत्पादन में बड़ी गिरावट के साथ दोनों राज्यों में इसी अवधि के दौरान आलू के उत्पादन में वृद्धि देखने को मिल सकती है।
गत गुरुवार को लोकसभा में कृषि पर संसद की स्टैंडिंग कमेटी की ओर से पेश की गई रिपोर्ट में उपरोक्त बातों के साथ ही यह भी कहा गया है कि जलवायु परिवर्तन से भविष्य में दूध के उत्पादन में भी कमी आ सकती है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि जलवायु परिवर्तन के कारण 2030 तक पंजाब, हरियाणा व पश्चिमी और मध्य उत्तर प्रदेश में आलू का उत्पादन 3.46% से बढ़कर 7.11% हो जाएगा, लेकिन शेष भारत में आलू का उत्पादन 16% से घटकर 4% तक रह सकता है।
बिहार के बीजेपी सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री हुकुमदेव नारायण यादव के नेतृत्व वाली 31 सदस्यीय समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि 2020 तक हरियाणा और पंजाब समेत उत्तर-पश्चिम भारत में चावल का उत्पादन 6 से 8 पर्सेंट तक कम हो जाएगा।
हालांकि दूसरे राज्यों में भी उत्पादन में गिरावट की बात कही गई है। देश के अन्य हिस्सों में यह नुकसान 5 फीसदी से कम रहेगा। जलवायु परिवर्तन के चलते गेहूं, चावल और मक्के जैसी अहम फसलों का उत्पादन कम होगा, जबकि मूंगफली और सोयाबीन जैसी फसलों पर नकारात्मक असर नहीं होगा।
दर में हुआ 29% का इजाफा ...
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