मेहनत और रिश्ते ( मूल्य )

in #partiko6 years ago (edited)

-- रिश्तों का मूल्य --
एक छात्र जिसका व्यक्तित्व बहुत ही प्रभावशाली ओर सुंदर था , अपनी पढ़ाई पूरी करने के पश्चात नौकरी के लिए इंटरव्यू देने के लिए गया ।

छात्र ने बड़ी आसानी से बोर्ड इंटरव्यू पास कर लिया व फाइनल इंटरव्यू के लिए चुन लिया गया।

अब फाइनल इंटरव्यू
कंपनी के डायरेक्टर को लेना था ।

डायरेक्टर को ही तय
करना था कि उस छात्र को नौकरी के लिए चुना जाय या नही

डायरेक्टर ने छात्र के सारे योग्यता सम्बन्धी कागजात को देखा और पाया कि छात्र पढ़ाई के साथ- साथ अन्य गतिविधियों में भी सक्रिय रहा हुआ हैं।

डायरेक्टर- "क्या तुम्हें पढ़ाई के दौरान
कभी छात्रवृत्ति मिली ?"

छात्र- "जी नहीं !!"

डायरेक्टर- "इसका मतलब स्कूल-कॉलेज की फीस तुम्हारे पिताजी ही अदा करते थे। "

छात्र- "जी हाँ , श्रीमान !!"

डायरेक्टर- "तुम्हारे पिताजी क्या काम करते है ?"

छात्र- "जी ! वो लोगों के कपड़े धोने का काम करते हैं ।"

यह सुनकर कंपनी के डायरेक्टर ने कहा- "ज़रा अपने हाथ तो दिखाना !! "

छात्र के हाथ रेशम की तरह मुलायम और नाज़ुक थे।

डायरेक्टर- "क्या तुमने कभी कपड़े धोने में अपने पिताजी की मदद की ?"

छात्र- "जी नहीं श्रीमान ! ' मेरे पिताजी हमेशा यही चाहते थे
कि मैं पढ़ाई करूं और ज़्यादा से ज़्यादा पढ़कर एक बहुत ऊंचे पद पर नौकरी पा लूं ।"

हां , एक बात और, मेरे पिता जी बड़ी तेजी से कपड़े धोते हैं ।

डायरेक्टर- "क्या मैं तुम्हें एक काम करने को कह सकता हूं ?"

छात्र- "जी, जरूर कहिये श्रीमान " छात्र खुश होते हुए नम्रता से बोला ।

डायरेक्टर- "आज घर वापस जाने के बाद अपने पिताजी के हाथ धोना...
फिर कल सुबह मुझसे आकर मिलना "

छात्र यह सुनकर प्रसन्न हो गया ।
उसे लगा कि अब नौकरी मिलना तो तय है, तभी तो कल वापिस बुलाया है।

छात्र ने घर आकर खुशी-खुशी अपने पिता को ये सारी बातें बताईं और अपने हाथ दिखाने को कहा ???

पिता को थोड़ी हैरानी हुई !!!
लेकिन फिर भी उसने बेटे
की इच्छा का मान रखते हुए अपने दोनों हाथ बेटे के सामने हिचकिचाते हुए खोल दिये ।

छात्र ने पिता के हाथों को धीरे-धीरे धोना शुरू किया। कुछ देर में ही हाथ धोने के साथ ही उसकी आंखों से आंसू भी झर-झर बहने लगे !!

पिता के हाथ बहुत ही खुरदरे औऱ पत्थर की तरह सख्त तथा जगह-जगह से कटे हुए थे ।
यहां तक कि जब भी वह कटे के निशानों पर पानी डालता, चुभन का अहसास
पिता के चेहरे पर साफ़ झलक जाता था ।

छात्र को ज़िंदगी में पहली बार एहसास हुआ कि ये
वही हाथ हैं जो रोज़ लोगों के कपड़े धो-धोकर उसके
लिए अच्छे खाने, कपड़ों और स्कूल की फीस का इंतज़ाम करते रहे थे ।

पिता के हाथ का हर छाला सबूत था उसके एकेडैमिक कैरियर की एक-एक
कामयाबी का ??

पिता के हाथ धोने के बाद छात्र को पता ही नहीं चला कि उसने उस दिन के बचे हुए सारे कपड़े भी एक-एक कर धो डाले ।।

उसके पिता रोकते ही रह गए , लेकिन छात्र अपनी धुन में कपड़े धोता चला गया। उस रात बाप- बेटे ने काफ़ी देर तक बातें कीं ।

अगली सुबह छात्र फिर नौकरी के लिए कंपनी के डायरेक्टर के ऑफिस में था।

डायरेक्टर का सामना करते हुए छात्र की आंखें गीली थीं।

डायरेक्टर- "हूं , तो फिर कैसा रहा कल घर पर ?
क्या तुम अपना अनुभव मेरे साथ शेयर करना पसंद करोगे .?"

छात्र- " जी हाँ , श्रीमान कल मैंने जिंदगी की एक कड़वी वास्तविक को अनुभव किया ।

मेरे पिता जी न होते तो मैं पढ़ाई में इतना आगे नहीं आ सकता था। औऱ कैसे मेरे पिताजी ने इतनी कड़ी मेहनत से मुझे इस योग्य बनाया ?

पिता जी की मदद करने से मुझे पता चला कि किसी काम को करना कितना मुश्किल होता है। ।

कल के अनुभव से मैंने रिश्तों की अहमियत पहली बार
इतनी शिद्दत के साथ महसूस की ??"

डायरेक्टर- "यही सब है जो मैं अपने मैनेजर में देखना चाहता हूं।

मैं यह नौकरी केवल उसी को देना चाहता हूं जो दूसरों की मदद की कद्र करे,
ऐसा व्यक्ति जो काम किए जाने के दौरान दूसरों की तकलीफ को महसूस करे।

ऐसा शख्स जिसने सिर्फ पैसे को ही जीवन का ध्येय न बना रखा हो , पैसो से ज्यादा मानवीय मूल्यों की पहचान हो।

मुबारक हो, तुम इस नौकरी के पूरे हक़दार हो।
मेरा निवेदन आप सभी से यही हैं, कि आप अपने बच्चों को सभी सुविधाएं दें, पर साथ ही साथ मानवीय मूल्य औऱ मेहनत करना जरूर सिखाएं...
उन्हें इस बात का अनुभव कराएं कि, कड़ी धूप में काम करना कितना कठिन होता हैं, जो दूध पीने को सहजता से मिल जाता हैं, उसके उत्पादन हेतु पशुओ को पालना कितना कठिन कार्य हैं।
जो अन्न भोजन के लिए सहजता से उपलब्ध हैं,
उसे पैदा करने वाले ने कितनी मेहनत की होगी।

आज नासमझी के कारण हजारो टन अनाज , दूध , कपड़े , बर्बाद कर दिए जाते हैं, जिनसे कितने ही भूखो को भोजन करवाया जा सकता था, करोड़ो लोगो के तन को ढका जा सकता था।

औऱ इन सबका मुख्य कारण यही हैं कि, हम ये नही जानते कि अन्न का एक कण पैदा करने में कितना पसीना बहाना पड़ता हैं।

मेरी पोस्ट पढ़ने के लिए धन्यवाद। पसन्द आये तो अपावोट जरूर कीजियेगा। कॉमेंट में अपने विचार जरूर लिखियेगा।

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