The Diary Game on 28 th Sep 2023.

in Hindwhale Community11 months ago (edited)

नमस्ते , मेरे सभी दोस्तों। आप सब कैसे हैं? मुझे आशा है कि आप सभी अच्छे होंगे। मैं भी ठीक हूँ। आज मैं आपके सामने इस समुदाय Hindwhale Community में कल 28 .09 . 2023 को बिताए गए पूरे दिन की गतिविधियों का डायरीगेम प्रस्तुत करने जा रहा हूँ। कल मैंने एक ऐसा दिन बिताया जो बढिया रहा ,अब मैं आपके सामने कल बिताई गई सुबह से रात तक की गतिविधियाँ प्रस्तुत करता हूँ।

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गुरुवार गणपति विसर्जन की छुट्टी होने के कारन।, मै बुधवार रात दस बजे मेरे गांव जाने के लिए निकला ,मै मुंबई में नौकरी के वजह से रहता हूँ। मेरा गांव मुंबई से १५० किलोमीटर की दूरी पर हैं। मेरा गांव बहुत सुन्दर है।हमारे गांव में सब खेती करते है। मै एक किसान का लड़का हूँ। हमारे यहां सभी प्रकारकी फ़सल उगाई जाती है। गेहू ,ज्वार , बाजरा, गन्ना ये मुख्य फैसले है।

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सुबह का समय

मै गुरुवार सुबह छे बजे मेरे गांव पंहुचा। शहर की भागदौड़ भरी जिंदगी से बहार ,गांव में आने पर कुछ अलग खुली साँस महसूस होती है।गांव पहुँचने के बाद फ्रेश होकर नौ बजे मैंने सुबह का नास्ता किया। सबको मिलना वगैरे हो गया। हमें आज बाजूवाले गांव में जाना था। बहन का कुछ काम था . इसलिए मेरी बहन मुझे लेने आनेवाली थी। उसीके गाड़ी में हम, मै ,मेरी बहन ,भांजा ,और मेरे बहनोई आज एक छोटेसे काम के लिए उस गांव में जा रहे थे। वो लेट हो रहे थे ,क्यूकी ग्यारह बज रहे थे मगर उनका पता नहीं था। थोड़ी देर में उनका फ़ोन आया ,बारिश की वज़ह से वो लोग लेट हो रहे है। थोड़ी देर में वो लोग आ पहुंचे।

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दोपहर का समय

हम सब मिलकर बहुत दिनों के बाद एक साथ खाना खाया। हम लोग ठीक एक बजे घर से निकले। गांव नजदीक ही तीस किलोमीटर की दुरी पर था। बिस पच्चीस मिनट में ही पहुँच गए। उस गांव में जिसे मिलना था वो मिले ,काम जल्द हो गया। हम तुरंत वापस निकले। और घर पहुंचे। चार बजे तक हम लोग गपशप करते रहे। तभी मेरा भांजा बोला की बहुत दिनों के बाद गांव आए है ,तो खेत घूमने जायेंगे। सब लोग तैयार हो गए।

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हम लोग चलकर खेत गए ,खेतों की हरियाली देखकर मन प्रसन्न हुआ। खेत में बाजरा की फसल बहुत जबरदस्त खिल रही थी। खेत के बाजुसे चलते एक अलग ही सुगंध सी आ रही थी। सुन्दर हवा चल रही थी। पक्षिओंकि अलग अलग आवाजे आ रही थी। बहन और बाकि लोग खेतों में काम कर रहे लोगो से बाते कर रहे थे ,तब तक हम फोटो लेने में लगे। सूर्यफुल याने सनफ्लॉवर के खेत बड़े सुन्दर दिख रहे थे। सूर्य का अस्त होने जा रहा था ,सभी सनफ्लॉवर पश्चिम की वोर मुड़ने लगे थे। सनफ्लॉवर को देख कर मुझे छोटे बच्चों की याद आती है , सुन्दर निरागस से बच्चो जैसे।

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शाम का समय

वहा से निकलते निकलते छे बज गए। जल्दी से हम लोग घर आ गए। फ्रेश होकर गपशप करने लगे। आठ बजे खाना खाने के लिए माँ आवाज देने लगी। हमने एकसाथ मस्त खाना खाया। चूल्हे पर शेखी ज्वार की रोटी ,हम लोग इसे महाराष्ट्र में भाकरी बोलते है। उसके साथ ताजी सब्जी। खाना बहुत सुन्दर था। खाना होने के बाद सब लोग एक साथ बैठकर बहुत देर तक बाटे करते रहे। मै दस बजे सो गया। बहुत घूमने के बाद थक गया था। मेरा ये दिन बढिया रहा ,बहुत आनंदमय गया। सुबह सात बजे हमें मुंबई के लिए निकलना था।

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Photos captured bytechsoulai
Camera DeviceVivo Y20G
LocationMaharashtra , India
I hope you like thisThanks for reading. You are all welcome..

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