बचपन का प्यार बहोत हि खास होता है.
प्यार हो भि जाता है। खतम भि हो जाता है.पुरा भि नही होता है. लेकिन उसकि यादे मरते दम तक हमारे साथ रेहति है.बचपन का प्यार तो बहोत आसानी से हो जाता है. लेकिन कभी पुरा नही होता. औऱ जब पुरा नहि होता है. तो हम धिरे धिरे बचपन प्यार को भुल जाते है. बहोत नसीब वाले होते है. जिनको बचपन का प्यार मिलता है. हजारों लोग होते है जो प्यार करते है लैकिन उन हजारों मे से कोई एक दो हि होते है जो उसको निभा ते है. बचपन का प्यार तो आसानी से हो जाता है लेकिन उसे भुलना आसान नही होता. वो बचपन का प्यार जो सिर्फ उसके लिये स्कूल जाया जाता है.
सिर्फ उसके लिये पढाई कि जाती थि. हर समय उसके बारे मे सोचना कैसे देखते हि देखते वो आपके लाइफ कि एक कडि बन जाती है.हम भुल जाते है हमे नहीं पता कि जो आज हमारे लाइफ का हिस्सा है.वो कल हमारे साथ रहेगे भि नहि ये सब जानते हुये भि हम प्यार करते है. प्यार कि बात भि बहोत अजीब होती है. जब चाहिए तब नहि मिलता लेकिन जब नहि चाहिए तब मिलता है.
प्यार वो सच्चाई है जिससे ईशवर तक मिल जाते है.जब हमें बचपन का प्यार होता है. उसी उम्र मे कैरियर भि बनाना होता है.हमारे पास दो रास्ते होते है. एक रास्ता जो आपके कैरियर आपके मंजिल तक ले जाता है.वहि दुसरा रास्ता आपको आपके प्यार तक ले जाता है. वो प्यार जिसके बारे मे ये भि नहीं पता नही कि वो भि आपसे प्यार करते है. कि नहि औऱ आपको मिलेगा भि कि नहि. इन सब बातो को जानते हुये आप अपना रास्ता चुनते हो. जो अपने प्यार को छोड कर अपने कैरियर औऱ मजिल कि तरफ जाता है.
एसा नहीं है .कि वो गलत है.लेकिन ये भि सच है. कि न हि वो प्यार को जानता था.औऱ ना हि समजता था. ना हि उसका प्यार सच्चा प्यार था.वही दुसरे तरफ जिसके अच्छा कैरियर अच्छी मजिल होने के बावजूद वो उस रास्ते को छोड कर आपके पास आता है ये भि जानते हुये कि आप उसको मिलोगि कि नहीं ये हि होता है सच्चा प्यार. प्यार कि कोई परिभाषा नहि होती है. ये कहि भि किसी से हो जाते है. प्यार एक एसा रिश्ता होता है.जिसमे कोई र्शत कोइ वादा न कुछ लेना औऱ ना हि कुछ देना होता है. वहि प्यार होता है. आप इतिहास उठा लिजिये न कभि प्यार पुरा होता है. और न कभि प्यार की कहानि लेला, मजनु हिर राझा.एसी हजारों कहानियां है.
जिसमें सच्चे प्यार कि कहानि लिखी गयि है.लेकिन वो कभि पुरी नहि हुइ किसी न किसी वजह से पुरी नहि हुइ लेकिन खतम हो गई लेकिन फिर भि लोग उन्हें याद करते है. प्यार कि मिसाले देते है.उसि तरह प्यार पुरा हो न हो प्यार मिले न मिले वो हमारा हो ना हो । लेकिन वो हमारी लाइफ मे प्यार कि एहमीयत बता जाती है.
जरूरी नहि प्यार हर बार आप को कुछ दे अगर वो कुछ नहि देती तो जिन्दगी जिना तो सिखा हि देता है.प्यार को भुलना आसान नही होता उस प्यार को जिसको केवल एक नजर देखने के लिए दिन भर खडे रहते थे. जिसके लिए हमने अपने दिन रात एक कर दिया जिसके लिए हमने अपना कैरियर. दाव पर लगा दिया .इतना सब कुछ करने के बाद भि प्यार हमें नहीं मिलता तो एसा लगता है मानो लाइफ यही खतम हो ग इ हो लेकिन हम गलत सोचते है. क्यों कि सहि मायने मे लाइफ कि शुरुआत वहि से होती है. बचपन भि चला जाता है .औऱ बचपन का प्यार भि चला जाता है .समय आगे बढ जाता है.
हम भि आगे बढ जिते है .लेकिन एक चिज है जो कभि आगे नहि बढता है वो है हमारा बिता हुआ कल है. हम दुसरो को सुनाने के लिए या फिर अपने मन को समझाने के लिये भलै कहे हम सब कुछ भुल गये लेकिन ये सच नही होता सच तो ये है कि आप उनको कभि नहि भुल पाते है. वो कहि न कहि आपके दिल कै कोने मे आज भि जिन्दा रेहता है.जब तक आप इस दुनिया मे रहोगे तब तक वो आप के साथ हि रहेगी.
प्यार के उस समय उस पल उस यादों को उस मस्तियो को वो बचपना वो दिन वो पल जब आपने उसको पेहलि बार देखा था. देखते हि एसा लगा कि बस ये मेरे लिए हि बनि है.धिरे धिरे दोस्ती हो जाना फिर अच्छे दोस्त बन.जाना फिर एक दुसरै को पसन्द करना फिर प्यार हो जाना उस प्यार को निभाने औऱ पुरा करने के लिये कुछ भि कर जाना ये सब हो जाने के बाद भि आपका प्यार आपको नहि मिलता है. औऱ नाही वो पल वो दिन औऱ ना हि वो प्यार वापस आता है.
हर चिज समय के साथ धुधलि हो जाती है.कभि कभि यादें भि धुधलि हो.जाति है .लेकिन प्यार कभी धुधला नहि होता .बचपन का प्यार मिले ना मिले पुरा हो या ना हो लेकिन कभि भुलाया नहि जा सकता है.। बचपन के प्यार को हम खराब केहते औऱ भुलजातेभ है । है. तो वहि प्यार बहोतो कि ला के लिये भुल जाना ये तो सहि है. लैकिन उसकि यादे हमेशा हमारे साथ रेहति है.।