Hindi ghazal 13
हवाओं की तरफ़दारी करोगे,
चरागों की गिरफ़्तारी करोगे.
तुम्हें पाला है हमने आस्ती में ,
तो क्या हमसे भी ग़द्दारी करोगे.
सगे क़ुन्बे के तुम जब हो ना पाए,
तो किससे तुम वफ़ादारी करोगे.
हमारी दोस्ती महंगी पड़ेगी,
अगर दुश्मन से तुम यारी करोगे.
अगर तुम रख रहे हो ज़ेहन गिरवी,
कहाँ पर दफ्न ख़ुद्दारी करोगे.
मिटाने के लिए किरदार मेरा,
सुना है तुम भी अय्यारी करोगे. अय्यारी=धूर्तता